10,000 PACS : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया आयाम

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की ऐतिहासिक पहल

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 10,000 नवगठित बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल, मुरलीधर मोहोल, सहकारिता मंत्रालय के सचिव, और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अमित शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर की।

गृह मंत्री ने महान स्वतंत्रता सेनानी सी. राजगोपालाचारी की पुण्यतिथि पर भी उन्हें याद किया और उनके संविधान निर्माण और प्राचीन भारतीय ग्रंथों में योगदान की प्रशंसा की।

शाह ने कहा कि अटल जी की जन्मशती के दिन 10,000 नई बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि संविधान में 97वें संशोधन के तहत सहकारिता को फिर से प्रमुखता दी गई। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा सहकारिता मंत्रालय की स्थापना और ‘सहकार से समृद्धि’ के लक्ष्य का उल्लेख किया।

उन्होंने बताया कि सितंबर 2024 में SOP तैयार होने के बाद 86 दिनों के भीतर 10,000 PACS पंजीकृत कर दी गईं। उन्होंने कहा कि 2 लाख नए PACS बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि सहकारी ढांचे को सुदृढ़ किया जा सके। NABARD, NDDB, और NFDB ने इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई। PACS का कंप्यूटराइजेशन और 32 नई गतिविधियों के साथ उनका विस्तार किया गया है।

कार्यक्रम में 10 सहकारी समितियों को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड और माइक्रो-एटीएम वितरित किए गए। शाह ने कहा कि यह पहल किसानों को सस्ते ऋण और गांवों में बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराएगी।

PACS को भंडारण, खाद, उर्वरक, गैस वितरण, और जल प्रबंधन जैसी सेवाओं से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण मॉड्यूल के माध्यम से PACS के सदस्यों और कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों में 2 लाख नए PACS बनाने का लक्ष्य है। पहले चरण में NABARD 22,750, NDDB 56,500, और NFDB 6,000 नई समितियां बनाएंगे। राज्य सहकारी विभाग भी 25,000 PACS बनाएंगे। उन्होंने बताया कि अब तक 11,695 नई समितियां पंजीकृत हो चुकी हैं। PACS के माध्यम से किसानों की उपज को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाना आसान होगा।

अमित शाह का सहकारिता पर जोर 

अमित शाह ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि PACS को बहुआयामी बनाकर उन्हें भंडारण, खाद वितरण, गैस वितरण और अन्य सेवाओं से जोड़ा गया है, जिससे उनकी प्रासंगिकता, स्थायित्व, और उपयोगिता बढ़ेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि PACS को गांवों में “कॉमन सर्विस सेंटर” के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि गांव के हर व्यक्ति को इसके दायरे में लाया जा सके।

कंप्यूटराइजेशन और तकनीकी विस्तार

गृह मंत्री ने कहा कि PACS के कंप्यूटराइजेशन और टेक्नोलॉजी के उपयोग से सहकारी समितियों में पारदर्शिता आएगी। यह कदम महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा। PACS को डिजिटल रूप से सक्षम बनाकर उन्हें 32 नए कामों से जोड़ा गया है, जिससे यह ग्रामीण समुदाय की बहुआयामी जरूरतों को पूरा कर सके।

महिलाओं और वंचित वर्गों की भागीदारी

उन्होंने बताया कि नए मॉडल बायलॉज में महिलाओं, दलितों, पिछड़ों, और आदिवासियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इससे सामाजिक समरसता बढ़ेगी और सहकारिता आंदोलन को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी।

RuPay कार्ड और माइक्रो-एटीएम वितरण 

शाह ने कहा कि PACS को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड और माइक्रो-एटीएम से जोड़ा जा रहा है, ताकि किसानों को सस्ते और सुलभ ऋण मिल सकें। उन्होंने यह भी बताया कि हर प्राथमिक डेयरी को माइक्रो-एटीएम प्रदान किया जाएगा, जिससे गांवों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।

फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज

गृह मंत्री ने कहा कि नए PACS के गठन के बाद किसानों की उपज को फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज के माध्यम से वैश्विक बाजारों तक पहुंचाना आसान होगा। उन्होंने बताया कि सहकारी समितियों के माध्यम से ऑर्गेनिक उत्पादों, बीजों, और एक्सपोर्ट के क्षेत्र में भी नए रास्ते खोले जाएंगे।

अगले पांच वर्षों की योजना

शाह ने विश्वास जताया कि पांच वर्षों से पहले ही 2 लाख नए PACS का गठन कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि NABARD, NDDB, और NFDB जैसे संस्थान नए PACS बनाने और मौजूदा समितियों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस पहल के तहत कुल 1.5 लाख नई सहकारी समितियों का निर्माण और 1 लाख मौजूदा समितियों को मजबूत किया जाएगा।

समारोह की उपलब्धियां

इस अवसर पर प्रशिक्षण मॉड्यूल का शुभारंभ किया गया, जिससे PACS के सदस्यों और कर्मचारियों को उनके कार्यों के लिए पूर्ण प्रशिक्षण मिल सके। साथ ही, सहकारिता मंत्रालय ने PACS को विभिन्न सेवाओं से जोड़कर उनकी उपयोगिता को बढ़ाने के लिए विस्तृत योजना प्रस्तुत की।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए नई दिशा

शाह ने कहा कि यह पहल केवल सहकारिता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर पहलू को मजबूत करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि PACS के माध्यम से रोजगार, कृषि संसाधनों की उपलब्धता, और सहकारी प्रयासों का विस्तार होगा, जिससे देश की सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने अंत में कहा कि “सहकार से समृद्धि” का सपना तभी साकार होगा जब सहकारिता हर पंचायत और गांव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी। PACS का यह विस्तार ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

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