गौ संरक्षण से जैविक खेती तक: सीएम ने दिए अहम निर्देश

राजस्थान बनेगा एग्रीकल्चर हब, कृषि विभाग को मिले नए टास्क

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश: गोशालाओं की नियमित मॉनिटरिंग अनिवार्य

जयपुर-मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य की पंजीकृत गोशालाओं की नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश देते हुए कहा है कि गोशालाओं में पानी, चारा एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की सघन ऑडिट कर बेहतर प्रबंधन और संचालन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री शर्मा ने मुख्यमंत्री कार्यालय में गोपालन एवं कृषि विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को ‘आदर्श गोशालाएं’ विकसित करने के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही गोशालाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए गौ-काष्ठ मशीनों के संचालन एवं नवीन तकनीकों के समावेश पर जोर दिया। उन्होंने आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में गौ उत्पादों की महत्ता के प्रति गोशाला समितियों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए।

गोशाला समितियों का प्रबंधन हो पारदर्शी

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोशालाओं के प्रबंधन और संचालन में संबंधित समितियों की स्पष्ट जिम्मेदारी तय की जाए। समितियों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और आवश्यक सुधार के लिए प्रभावी योजना बनाई जाए। उन्होंने गौ संरक्षण के कार्यों में भामाशाहों और आमजन के सहयोग को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए, ताकि व्यापक स्तर पर गौ सेवा संभव हो सके।

मोबाइल वेटनरी सेवा की नियमित ऑडिट के निर्देश

 शर्मा ने पशुओं के उपचार के लिए संचालित टोल फ्री मोबाइल वेटनरी सेवा की नियमित ऑडिट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सेवा से जुड़े वाहनों के रूट, उपलब्ध दवाओं एवं सेवाओं की पारदर्शी समीक्षा कर पशुपालकों को वास्तविक लाभ सुनिश्चित किया जाए।

रबी सीजन में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति

मुख्यमंत्री ने रबी सीजन के दौरान यूरिया और डीएपी की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों को उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जिला कलेक्टर कम उपलब्धता एवं अधिक खपत वाले जिलों और ब्लॉकों को चिन्हित कर प्रदेशभर में प्राथमिकता के साथ पूर्ण पारदर्शिता से डीएपी व यूरिया का वितरण सुनिश्चित करें।

जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर

मुख्यमंत्री ने कृषि एवं सहकारिता विभाग को निर्देश दिए कि उर्वरकों का वितरण प्राथमिकता से ग्रामीण सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाए। उन्होंने किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने और इसके लिए आगामी वर्ष मई-जून में विशेष कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही जैविक खेती के प्रशिक्षण हेतु कार्ययोजना बनाने पर भी बल दिया।

राजस्थान में एग्रीकल्चर हब बनने की पूरी क्षमता

शर्मा ने कहा कि राजस्थान में एग्रीकल्चर हब बनने की पूर्ण क्षमता है। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश की गुणवत्तापूर्ण कृषि उपज की देश-विदेश में व्यापक मार्केटिंग की रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के अंतर्गत मिनी बीज किटों की वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने को कहा।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि रबी 2025 के दौरान अक्टूबर से दिसंबर माह तक यूरिया और डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के साथ समन्वय कर प्रदेश की मांग के अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति की जा रही है। किसानों के लिए 11.35 लाख मैट्रिक टन यूरिया की मांग के विरुद्ध 12.73 लाख मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया गया है।

बैठक में मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास, प्रमुख शासन सचिव कृषि श्रीमती मंजू राजपाल, शासन सचिव गोपालन समित शर्मा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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