पूसा संस्थान में गुलदाउदी फील्ड डे का भव्य आयोजन, वैज्ञानिक पुष्पोत्पादन से किसानों की आय बढ़ाने पर मंथन
नई दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर–आईएआरआई), नई दिल्ली के पुष्प विज्ञान एवं भूदृश्य (फ्लोरीकल्चर एवं लैंडस्केपिंग) संभाग द्वारा गुलदाउदी फील्ड डे का विस्तृत और सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वैज्ञानिक शोध, उन्नत तकनीकों और बाजारोन्मुख रणनीतियों के माध्यम से पुष्पोत्पादन को लाभकारी उद्यम के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सामने आया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों की आयवृद्धि, स्वरोजगार और पुष्प उद्योग में उद्यमिता को बढ़ावा देना रहा।
अनुसंधान से खेत और बाजार तक मजबूत सेतु
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईसीएआर–आईएआरआई के निदेशक डॉ. सी. एच. श्रीनिवास राव ने कहा कि गुलदाउदी फील्ड डे में किसानों के साथ उद्योग, नीति-निर्माताओं, विपणन विशेषज्ञों और मीडिया से जुड़े विविध हितधारकों की भागीदारी यह दर्शाती है कि अनुसंधान, उत्पादन और विपणन के बीच मजबूत तालमेल स्थापित हो रहा है। उन्होंने बताया कि गुलदाउदी जैसी उच्च-मूल्य वाली पुष्प फसलों में उन्नत किस्में, गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री, वैज्ञानिक खेती पद्धतियां, मूल्य संवर्धन और बाजार संपर्क किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
100 से अधिक प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी
इस फील्ड डे में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। इनमें विभिन्न राज्यों से आए प्रगतिशील किसान, पुष्प उद्योग के प्रतिनिधि, आईटीसी होटल समूह के अधिकारी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसी) के अधिकारी, राष्ट्रपति भवन के अधिकारी, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के प्रतिनिधि, आईएआरआई के विद्यार्थी, संकाय सदस्य तथा हरियाणा उद्यानिकी विभाग के अधिकारी शामिल रहे। प्रतिभागियों ने फील्ड प्रदर्शन, तकनीकी चर्चाओं और वैज्ञानिकों से प्रत्यक्ष संवाद के माध्यम से उपयोगी जानकारी प्राप्त की।
लाभकारी उद्यम बन सकता है गुलदाउदी उत्पादन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. एस. के. सिंह, उप महानिदेशक (उद्यानिकी), आईसीएआर ने अपने संबोधन में कहा कि उन्नत किस्मों और आधुनिक उत्पादन तकनीकों के प्रभावी प्रसार से पुष्पोत्पादन को अत्यंत लाभकारी व्यवसाय बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक उत्पादन पद्धतियों, गुणवत्ता नियंत्रण, कटाई-पश्चात प्रबंधन और बाजारोन्मुख दृष्टिकोण को अपनाकर गुलदाउदी उत्पादन से किसानों को स्थायी और बेहतर आय प्राप्त हो सकती है।
उन्नत किस्मों का प्रदर्शन, किसानों में दिखा उत्साह
फील्ड डे के दौरान आईएआरआई द्वारा विकसित उन्नत गुलदाउदी किस्मों—पूसा गुलदस्ता, पूसा श्वेत और पूसा सुंदरी—का जीवंत प्रदर्शन किया गया। इन किस्मों को अधिक पुष्प उत्पादन, आकर्षक रंग, बेहतर भंडारण क्षमता और उच्च बाजार स्वीकार्यता के लिए जाना जाता है। किसानों ने इन किस्मों में विशेष रुचि दिखाई और वैज्ञानिकों से उनकी खेती, उत्पादन लागत और संभावित लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त की।
मूल्य संवर्धन से नए अवसर
इस अवसर पर डॉ. विश्वनाथन चिन्नुसामी, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) ने गुलदाउदी आधारित मूल्य संवर्धित उत्पादों जैसे ताजे गुलदस्ते, सूखे फूल, गमले वाले पौधे और ऑनलाइन विपणन के बढ़ते अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इन गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण युवाओं और महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए स्वरोजगार और उद्यमिता के नए रास्ते खुल सकते हैं।
एमओयू से गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित
कार्यक्रम के दौरान आईसीएआर–आईएआरआई और रामधारी सीड्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच पूसा गुलदस्ता किस्म के बड़े पैमाने पर प्रवर्धन एवं किसानों तक गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की आपूर्ति के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस पहल से देशभर में उन्नत गुलदाउदी किस्मों की उपलब्धता बढ़ने और पुष्पोत्पादन को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
किसानों के लिए उपयोगी और प्रेरणादायी आयोजन
समग्र रूप से गुलदाउदी फील्ड डे किसानों और उद्यमियों को नवाचार-आधारित पुष्पोत्पादन तकनीकों से जोड़ने, उत्पादन से विपणन तक समग्र मार्गदर्शन प्रदान करने और सार्वजनिक–निजी सहभागिता को मजबूत करने में सफल रहा। प्रतिभागियों ने कार्यक्रम को व्यावहारिक, ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी बताया। कार्यक्रम का समापन पुष्प विज्ञान एवं भूदृश्य संभाग के वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों के समर्पित प्रयासों के साथ सफलतापूर्वक हुआ।