आम के बाग का सही देखभाल: मंजर से फल बनने तक

🌿 भारत में आम की खेती और उत्पादन

भारत में आम को “फलों का राजा” कहा जाता है। इसकी खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और बिहार में होती है। देशभर में लगभग 2217 हजार हेक्टेयर में आम की खेती की जाती है, जिससे 18506 हजार टन उत्पादन प्राप्त होता है।

प्रोफेसर (डॉ.) एस.के. सिंह

📌 राष्ट्रीय औसत उत्पादकता: 8.3 टन/हेक्टेयर
📌 बिहार में खेती का क्षेत्रफल: 148.37 हजार हेक्टेयर
📌 बिहार में कुल उत्पादन: 1271.62 हजार टन
📌 बिहार की उत्पादकता: 8.57 टन/हेक्टेयर (राष्ट्रीय औसत से अधिक)
📌 उत्पादकता के मामले में बिहार का स्थान: 13वां

सही देखभाल और वैज्ञानिक प्रबंधन से आम की उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है। खासतौर पर मंजर निकलने से लेकर फल बनने तक का प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण होता है।

🌱 आम के बाग का चरणवार प्रबंधन
1️⃣ मंजर निकलने की अवस्था में प्रबंधन
✔️ क्या करें?
✅ यदि आपके बाग में मंजर निकलने की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है तो , निम्नलिखित उपाय करें…
कीट एवं रोग नियंत्रण
✅ इमिडाक्लोप्रिड (17.8% SL) @ 1 मि.ली./लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
✅ घुलनशील गंधक (80 WP) @ 2 ग्राम/लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इससे पावडरी मिलडीव रोग के प्रबंधन के साथ साथ मंजर भी खुल के आते है।
✅ उपरोक्त उपाय मधुवा कीट (Hopper) और चूर्णिल आसिता (Powdery Mildew) रोग की उग्रता को कम करता है।
संक्रमित भागों का नष्ट करना
✅ विकृत मंजरों को तोड़कर बाग से बाहर निकालकर नष्ट करें या जमीन में दबा दें।
✅ मुख्य तने पर बोर्डो पेस्ट (1 किग्रा चूना + 1 किग्रा तूतिया + 10 लीटर पानी) से पुताई करें।
❌ क्या न करें?
🚫 इस अवस्था में सिंचाई नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे फल झड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
2️⃣ मटर के दाने के बराबर फल बनने की अवस्था
✔️ क्या करें?
✅ जब आम के टिकोले (छोटे फल) मटर के दाने के बराबर हो जाएं, तो निम्नलिखित उपाय करें….
✅ किसी भी कृषि रसायन का छिड़काव न करें जब तक फूल पूरी तरह खिल न जाएं। जब टिकोले मटर के बराबर हो जाय तो निम्नलिखित उपाय करने चाहिए।
✅ इस अवस्था के बाद इमिडाक्लोप्रिड (17.8% SL) @ 1 मि.ली./लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
✅ पूरी तरह से फल लग जाने के बाद हैक्साकोनाजोल @ 2 मि.ली./लीटर पानी या डाइनोकैप (46 EC) @ 1 मि.ली./लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
✅ प्लेनोफिक्स @ 1 मि.ली./3 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से फल गिरने में कमी आती है।
✅ अब हल्की हल्की सिंचाई शुरू करें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे, लेकिन जलभराव न होने दें।
❌ क्या न करें?
🚫 फूलों के खिलने के दौरान किसी भी प्रकार का कृषि रसायन प्रयोग न करें, क्योंकि इससे परागण प्रभावित होता है और फल बनने की प्रक्रिया बाधित होती है।
3️⃣ मार्बल (गुठली बनने) अवस्था में प्रबंधन
✔️ क्या करें?
✅ जब फल मार्बल के आकार के बराबर हो जाए, तो निम्नलिखित उपाय करें….
✅ सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करें
✅ मैंगो स्पेशल (IIHR, बेंगलुरु) या
बोरॉन युक्त सूक्ष्म पोषक तत्व @ 2 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इससे फलों की गुणवत्ता बढ़ती है और झड़ने की संभावना कम होती है।
सिंचाई करें
हल्की-हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे और फल अच्छी तरह से विकसित हो सकें।

✔️ फल मक्खी से बचाव:

  • फेरोमोन ट्रैप @ 15-20 प्रति हेक्टेयर लगाएं।
  • ट्रैप में ल्यूर (Lure) को समय-समय पर बदलें।

🚫 क्या न करें?
❌ बाग में गंदगी न रखें, गिरे हुए फल और सूखी पत्तियां हटाते रहें।

🔍 आम के बाग का नियमित निरीक्षण करें

🌿 नियमित रूप से बाग का भ्रमण करें ताकि कीट व रोग का समय रहते पता चल सके।
🚜 कोई समस्या दिखे तो तुरंत कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या पौधा संरक्षण अधिकारियों से संपर्क करें।

सही वैज्ञानिक प्रबंधन से आम की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि संभव है!

🌾 बागवानी अपनाएं, उत्पादन बढ़ाएं और किसानों की आय दोगुनी करें!

📢 यह जानकारी किसानों के लिए लाभदायक है, इसे अपने अन्य किसान मित्रों तक जरूर पहुंचाएं!

सौजन्य:
प्रोफेसर (डॉ.) एस.के. सिंह
विभागाध्यक्ष, पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट पैथोलॉजी एवं नेमेटोलॉजी
डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पूसा-848 125, समस्तीपुर, 
Email: sksraupusa@gmail.com

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