पाम आयल की खेती से कमाएं अधिक मुनाफा

पाम आयल की खेती: फायदे, सरकारी योजना और किसानों के लिए लाभ

पाम आयल की खेती एक लाभदायक और टिकाऊ कृषि व्यवसाय है। यह तेल उत्पादन के लिए सबसे अधिक उत्पादक वाली फसल मानी जाती है।

अब भारतीय किसानों के बीच भी काफी लोकप्रियता हासिल कर रहा है। यह फसल अपनी उन्नत उत्पादकता, कम लागत और उच्च लाभ के कारण अन्य तिलहनों और नकदी फसलों का एक बेहतर विकल्प बनता जा रहा है।

पाम तेल का उपयोग खाद्य उद्योग, कॉस्मेटिक्स और बायोफ्यूल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जिससे इसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।

पिछले वर्ष भारत सरकार ने “राष्ट्रीय तिलहन मिशन-पाम ऑयल (NMEO-OP)” के तहत पाम ऑयल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मेगा ऑयल पाम प्लांटेशन ड्राइव 2024 के दौरान 17 लाख से अधिक पौधे रोपे, जिससे 10,000 किसान लाभान्वित हुए देश के 15 राज्यों में 12,000 हेक्टेयर  से अधिक क्षेत्र में ऑयल पाम पौधे रोपे गए, 15 जुलाई,2024 को शुरू किए गए इस अभियान ने देश में ऑयल पाम की खेती के विस्तार की दिशा में भारत सरकार, राज्य सरकारों और ऑयल पाम प्रसंस्करण कंपनियों के सामूहिक प्रयासों को प्रदर्शित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

Photo PIB

पाम आयल की खेती के फायदे..

  1. उच्च उत्पादन क्षमता: पाम ऑयल प्रति हेक्टेयर सबसे ज्यादा तेल देता है, जिससे किसान कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन कर सकते हैं।
  2. लंबी आयु: पाम के पेड़ 25-30 साल तक उत्पादन देते हैं, जिससे किसानों को लंबे समय तक आय का स्रोत मिलता है।
  3. जलवायु के अनुकूल: उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाम ऑयल की खेती करना आसान है।
  4. रोजगार सृजन: खेती और तेल निकालने की प्रक्रिया में स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।

कैसे करें पाम आयल की खेती..

  • पाम ऑयल की खेती के लिए गर्म और नमी वाली जलवायु की आवश्यकता होती है।
  • उपजाऊ मिट्टी और पर्याप्त जल निकासी वाले क्षेत्र में इसकी खेती की जा सकती है।
  • सही किस्म के बीज और पौधों का चयन करना जरूरी है।
  • पौधों की नियमित सिंचाई, उर्वरक प्रबंधन और कीट नियंत्रण महत्वपूर्ण है।

ऑयल पाम की रोपाई के बाद चौथे वर्ष से यह उत्पादन देना शुरू कर देती है।

अनुकूल परिस्थितियों में, प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष 4-6 मीट्रिक टन तेल का उत्पादन किया जा सकता है, जो अन्य तिलहनों की तुलना में कई गुना अधिक है।

सरकारी योजना और लाभ..

भारत सरकार ने “राष्ट्रीय तिलहन मिशन-पाम ऑयल (NMEO-OP)” के तहत पाम ऑयल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चलाई हैं। किसानों को सब्सिडी पर बीज, खाद और पौध प्रदान किए जाते हैं। सिंचाई, फसल संरक्षण और प्रबंधन के लिए  सहायता दी जाती है..

PIB

किसानों के लिए लाभ:

  • कम निवेश में लंबे समय तक आय।
  • फसल के बाजार मूल्य में वृद्धि से बेहतर मुनाफा।
  • सरकारी समर्थन और तकनीकी सहायता से खेती आसान और लाभदायक।

पाम ऑयल की खेती किसानों के लिए आय के नए अवसर खोल रही है और देश में खाद्य तेलों के आयात निर्भरता को कम करने और भारतीय किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित भी हो रही है।

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