प्राकृतिक उत्पादों के विपणन और प्रमाणन पर मिली जानकारी
दिल्ली में प्राकृतिक खेती और विपणन पर 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न
नई दिल्ली—कृषि विज्ञान केंद्र, दिल्ली द्वारा प्राकृतिक खेती और प्राकृतिक उत्पादों के विपणन पर आधारित एक 10 दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 26 जून से 5 जुलाई 2025 तक केंद्र परिसर में किया गया।
इस प्रशिक्षण में दिल्ली और अन्य राज्यों से आए किसानों और प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। साथ ही दिल्ली सरकार की क्लस्टर आधारित प्राकृतिक खेती परियोजना से जुड़ी 6 कृषि सखियों ने भी इस प्रशिक्षण में भाग लेकर अपनी जानकारी को और मजबूत किया।
उद्घाटन सत्र में महत्वपूर्ण बातें
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. डी. के. राणा, वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, दिल्ली ने किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज के समय में खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग हो रहा है, जिससे मिट्टी, जल और वायु प्रदूषित हो रहे हैं।
इसके साथ ही, फसलों में रसायनों का अंश बढ़ने से यह हमारे स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए प्राकृतिक खेती को अपनाना अब समय की मांग बन गई है।
विशेषज्ञों ने दी तकनीकी जानकारी
डॉ. समरपाल सिंह, सस्य विज्ञान विशेषज्ञ ने प्राकृतिक खेती की मूलभूत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह खेती देसी गाय पर आधारित होती है जिसमें गोबर, गोमूत्र, दही, दूध और घी का उपयोग करके जीवामृत, बीजामृत, पंचगव्य जैसे प्राकृतिक उत्पाद बनाए जाते हैं। उन्होंने इन विधियों का प्रयोग करके प्रदर्शन भी किया।
डॉ. रितु सिंह, गृह विज्ञान विशेषज्ञ ने प्राकृतिक उत्पादों के मूल्य संवर्धन और फसल की कटाई के बाद संग्रहण और संरक्षण के तरीकों को सरल भाषा में समझाया।
डॉ. जय प्रकाश, पशुपालन विशेषज्ञ ने बताया कि प्राकृतिक खेती में पशुओं का भी विशेष योगदान होता है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक औषधियों से पशुओं का इलाज किया जा सकता है, जैसे – नीम की पत्तियों से कीड़ों का नियंत्रण, हल्दी और देसी घी से थनैला रोग की रोकथाम और काली मिर्च, गुड़, लहसुन, हींग आदि से पाचन शक्ति को बेहतर किया जा सकता है।
कैलाश, कृषि प्रसार विशेषज्ञ ने किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए समूह बनाकर कार्य करने, उत्पादों की प्रमाणिकता, ब्रांडिंग और डिजिटल मार्केटिंग जैसे विषयों पर जानकारी दी।
बृजेश कुमार, मृदा विज्ञान विशेषज्ञ ने मिट्टी की जांच, उसकी उपजाऊता और नमूना लेने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।
रवीन्द्र कुमार, कृषि प्रसार अधिकारी, दिल्ली सरकार ने क्लस्टर आधारित खेती, सामूहिक विपणन और उत्पादन की प्रक्रिया को बताया।
योगेन्द्र छिक्कारा, कृषि प्रसार अधिकारी, दिल्ली सरकार ने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी, जिनका लाभ किसान प्राकृतिक खेती में ले सकते हैं।
समापन पर प्रेरणा
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. डी. के. राणा ने सभी प्रतिभागियों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया और कहा कि हमें प्राकृतिक कृषि को अपनाकर पर्यावरण और स्वास्थ्य की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों को सही दिशा और मार्गदर्शन देने में मददगार हैं।