कृषि विकास से ही देश का विकास संभव: राज्यपाल हरिभाऊ बागडे

कृषि विकास से ही देश का विकास संभव: राज्यपाल हरिभाऊ बागडे

राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में प्रगतिशील किसान संवाद कार्यक्रम का आयोजन

📍 जयपुर/उदयपुर | राज्यपाल एवं महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति  हरिभाऊ बागडे ने कहा कि “जब तक कृषि नहीं बढ़ेगी, तब तक देश भी आगे नहीं बढ़ सकता।” उन्होंने जोर देकर कहा कि खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता से न केवल विदेशी मुद्रा की बचत होती है, बल्कि इससे कृषि आधारित उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलता है।

राज्यपाल उदयपुर स्थित राजस्थान कृषि महाविद्यालय सभागार में आयोजित प्रगतिशील किसान संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजते हुए हमें तेज़ी से प्रगति करनी होगी।

देश बना आत्मनिर्भर, पर चुनौतियां अभी भी शेष: राज्यपाल

राज्यपाल बागडे ने अपने संबोधन में आज़ादी के समय से लेकर अब तक की कृषि विकास यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि

“1947 में जब देश की जनसंख्या 36 करोड़ थी, तब हम खाद्यान्न के लिए विदेशों पर निर्भर थे। लेकिन आज 147 करोड़ की जनसंख्या के बावजूद, कम कृषि भूमि होने के बाद भी हमारे अन्नदाता किसानों ने मेहनत से देश को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया है।”

उन्होंने आगे कहा कि बदलते समय के साथ चुनौतियां भी बढ़ेंगी, जिसके लिए नवीन शोध और उन्नत तकनीक को अपनाना आवश्यक होगा।

भारत का पुरातन कृषि ज्ञान आज भी प्रासंगिक

राज्यपाल ने कहा कि भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा अतुलनीय रही है।

“चक्रपाणि मिश्र जैसे विद्वानों ने कृषि से संबंधित तकनीकों पर सदियों पहले ही ‘विश्व वल्लभ’ जैसे ग्रंथों में शोध किया था। हमें इस विरासत पर गर्व होना चाहिए।”

सच्ची शिक्षा वही, जो संकट में साथ दे

राज्यपाल बागडे ने शिक्षा की व्याख्या करते हुए कहा कि

“शिक्षा केवल अंकों की दौड़ नहीं, बल्कि बौद्धिक क्षमता का विकास है। ऐसी शिक्षा हो जो विद्यार्थियों को हर परिस्थिति से जूझने और उसका समाधान खोजने में सक्षम बनाए।”

उन्होंने स्वामी विवेकानंद, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और वीरबाला कालीबाई के उदाहरण देते हुए कहा कि “सामर्थ्य उम्र का मोहताज नहीं होता।”

पर्यावरण संरक्षण की अपील: पेड़ लगाओ, पानी बचाओ

बागडे ने राजस्थान में बढ़ती गर्मी और घटती वर्षा का उल्लेख करते हुए लोगों से आह्वान किया कि

“पेड़ लगाने होंगे और पानी को गांव में ही रोकना होगा, तभी खेती टिकाऊ होगी और पर्यावरण संतुलित रहेगा।”

‘दी मिलेट्स स्टोरी’ पुस्तक का विमोचन

राज्यपाल बागडे ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ‘दी मिलेट्स स्टोरी’ नामक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। इस पुस्तक में मोटे अनाज की नवीनतम किस्मों और उनके प्रयोगों की जानकारी दी गई है।

कार्यक्रम की शुरुआत में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और नवाचारों का उल्लेख करते हुए स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया।

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