Skip to content
ज्यादा नगद आमदनी का बेहतरीन साधन
हम सब जानते हैं कि भारत की 75% आबादी आज भी गाँव में निवास करती है। गाँव में खेती के साथ – साथ बकरी पालन एक पूरक आमदनी का बेहतरीन साधन बन सकता है। ये एक ऐसा काम है जिसमे कोई बड़ी पूंजी की जरूरत नहीं होती है। बेचने लायक बकरी कुछ ही महीनों में तैयार हो जाती है और नगद आमदनी प्राप्त हो जाती है। बकरी का माँस पूरे भारतवर्ष बहुत ही चाव से खाया जाता है। उत्तर भारत के हिन्दी भाषी क्षेत्रों, खासकर बिहार, बँगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान इत्यादि मे विभिन्न त्योहारों पर बकरे का माँस खाने का प्रचलन है,खासकर होली, नव वर्ष आदि। पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिण भारत में भी बकरी का माँस का उपयोग खूब किया जाता है। इसके अतिरिक्त पारिवारिक एवं सामाजिक आयोजनों, शादी-विवाह के भोज-भात इत्यादि में भी कुछ क्षेत्रों मे इसकी अच्छी माँग रहती है। अतः बकरी पालन के संबंध मे महत्वपूर्ण जानकारियों को पाठकों के समक्ष लाने के लिए हम एक सीरीज ला रहे है। हमारी कोशिश होगी कि सरल भाषा में हम इसे प्रस्तुत करें. जिससे आपको इस विषय में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके और आप इसे एक व्यवसाय के रूप अपनाने के लिए प्रेरणा प्राप्त करें।
केंद्र सरकार द्वारा संचालित मुख्य संस्थान
1. केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (Central Institute for Research on Goats – CIRG), मथुरा, उत्तर प्रदेश
-
स्थापना: 1979
-
उद्देश्य:
-
बकरियों की उन्नत नस्लों का विकास और प्रबंधन।
-
बकरी पालन में अनुसंधान और तकनीकी सहायता।
-
कार्यक्रम:
-
नस्ल सुधार (जैसे जमुनापारी, सिरोही)।
-
स्वास्थ्य प्रबंधन और टीकाकरण के लिए तकनीकी समाधान।
-
ग्रामीण किसानों और पशुपालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम।
-
-
इस विषय मे ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) द्वारा संचालित केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा, उत्तर प्रदेश है। यह संस्थान मथुरा से 25 किलोमीटर दूर फराह टाउन मे स्थित है। आगरा से इसकी दूरी 35 किलोमीटर है। दिल्ली से इसकी दूरी लगभग 184 km है। यह संस्थान समय-समय पर बकरी पालन की प्रशिक्षण / ट्रेनिंग आयोजित करता है जिसमे वहाँ रहने खाने की भी व्यवस्था है। वहाँ से प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु आप इनकी वेबसाईट https://cirg.res.in पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह संस्था भारत सरकार के कृषि विभाग द्वारा संचालित है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संस्था के आस पास ही कुछ अन्य प्राइवेट संस्थाएं भी बकरी पालन का पाठ्यक्रम संचालित कर रहीं हैं। बेहतर होगा आप सरकारी संस्था मे ही जाएं।
2. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (Indian Veterinary Research Institute – IVRI), इज़्ज़तनगर, उत्तर प्रदेश
-
स्थापना: 1889
-
उद्देश्य:
-
पशुओं के लिए चिकित्सा और टीकाकरण का विकास।
-
बकरियों की बीमारियों के उपचार और रोकथाम पर अनुसंधान।
-
कार्यक्रम:
-
बकरियों की स्वास्थ्य देखभाल और परजीवी प्रबंधन।
-
बकरी पालन के लिए प्रजनन तकनीकों का विकास।
-
वेबसाइट: https://ivri.nic.in
3. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission – NLM)
-
प्रारंभ: 2014
-
उद्देश्य:
-
छोटे पशुओं (बकरियों, भेड़ों) के पालन को प्रोत्साहित करना।
-
नस्ल सुधार और प्रजनन तकनीकों को बढ़ावा देना।
-
कार्यक्रम:
-
बकरी पालन में वित्तीय सहायता।
-
सब्सिडी और क्रेडिट योजनाएँ।
-
प्रशिक्षकों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम।
-
वेबसाइट: https://nlm.dahd.nic.in 
4. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (National Dairy Development Board – NDDB)
-
स्थापना: 1965
-
उद्देश्य:
-
डेयरी और बकरी पालन के क्षेत्र में विकास।
-
छोटे किसानों को वित्तीय और तकनीकी सहायता।
-
कार्यक्रम:
-
बकरी के दूध से बने उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन में सहायता।
-
डेयरी सहकारी समितियों के साथ बकरी पालन का समन्वय।
-
5. राज्य पशुपालन विभाग
-
प्रत्येक राज्य का पशुपालन विभाग बकरी पालन को प्रोत्साहित करता है।
-
सेवाएँ:
-
टीकाकरण और स्वास्थ्य शिविर।
-
नस्ल सुधार और कृत्रिम गर्भाधान।
-
राज्य-स्तरीय बकरी पालन योजनाएँ।
-
उदाहरण:
-
राजस्थान में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना।
-
महाराष्ट्र में बकरी पालन सब्सिडी योजना।
6. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research – ICAR)
-
स्थापना: 1929
-
उद्देश्य:
-
कृषि और पशुपालन अनुसंधान में सुधार।
-
बकरी पालन में अनुसंधान और नवाचार।
-
कार्यक्रम:
-
नस्ल सुधार कार्यक्रम।
-
बकरी पालन की आधुनिक तकनीकों का प्रचार।
-
7. कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra – KVK)
-
उद्देश्य:
-
किसानों और पशुपालकों के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन।
-
बकरी पालन के उन्नत तरीकों को ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचाना।
-
कार्यक्रम:
-
बकरी पालन पर कार्यशालाएँ।
-
चारा प्रबंधन और उत्पादन तकनीक।
-
वेबसाइट: https://kvk.icar.gov.in
8. राष्ट्रीय पशुधन विकास निगम (National Livestock Development Corporation – NLDC)
-
उद्देश्य:
-
बकरी पालन और अन्य पशुधन व्यवसायों को प्रोत्साहित करना।
-
वित्तीय और तकनीकी सहायता।
-
कार्यक्रम:
-
बकरी पालन के लिए अनुदान और सब्सिडी।
-
पशुपालकों को विपणन और वित्तीय प्रबंधन में सहायता।
अगले लेख में हम सरकारी योजनाओं की जानकारी देंगे।
राजीव कुमार