कालाबाजारी, जमाखोरी या निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर बिक्री करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
पटना- रबी सीजन 2025–26 के दौरान किसानों को उर्वरकों की निर्बाध, सुचारु और पारदर्शी आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने सख्त और निर्णायक कदम उठाए हैं। राज्य के कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने स्पष्ट किया है कि उर्वरक की कालाबाजारी, जमाखोरी अथवा निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर बिक्री करने वालों के विरुद्ध सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति लागू है और ऐसे मामलों में दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों के हित सर्वोपरि हैं और उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में राज्य के किसी भी जिले में उर्वरकों की कमी नहीं है। कुछ स्थानों पर कृत्रिम अभाव की स्थिति उत्पन्न करने का प्रयास किया जा सकता है, लेकिन सरकार पूरी तरह सतर्क है और ऐसे तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने किसानों से अफवाहों पर ध्यान न देने और आवश्यकता के अनुसार ही उर्वरक क्रय करने की अपील की।
जमाखोरी पर रोक के लिए ‘जीरो ऑफिस डे’ की पहल
उर्वरक जमाखोरी और अनियमितताओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कृषि विभाग द्वारा एक अभिनव पहल के रूप में ‘जीरो ऑफिस डे’ की शुरुआत की गई है। इस व्यवस्था के तहत कृषि विभाग के सभी पदाधिकारियों को प्रत्येक शनिवार को कार्यालयीन कार्यों से हटकर सीधे खेतों, उर्वरक भंडारण स्थलों और बिक्री केंद्रों पर जाकर स्थिति का प्रत्यक्ष निरीक्षण करना अनिवार्य किया गया है।
27 दिसंबर से शुरू हुए इस विशेष अभियान के दौरान अधिकारी उर्वरक दुकानों और गोदामों में उपलब्ध स्टॉक का भौतिक सत्यापन करेंगे, बिक्री रजिस्टरों की जांच करेंगे तथा वितरण व्यवस्था की वास्तविक स्थिति का आकलन करेंगे। मंत्री ने कहा कि इस पहल से न केवल कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा, बल्कि किसानों का भरोसा भी मजबूत होगा।
राज्य में सभी प्रमुख उर्वरकों का पर्याप्त भंडार
पंकज कुमार, प्रधान सचिव, कृषि विभाग ने उर्वरक उपलब्धता को लेकर ठोस आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि बिहार राज्य के गोदामों में सभी प्रमुख उर्वरकों का पर्याप्त भंडार मौजूद है। उन्होंने बताया कि राज्य में यूरिया 2.37 लाख मीट्रिक टन, डीएपी 1.26 लाख मीट्रिक टन, एनपीके 2.13 लाख मीट्रिक टन, एमओपी 0.40 लाख मीट्रिक टन तथा एसएसपी 1.10 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक उपलब्ध है।
प्रधान सचिव ने कहा कि इस भंडार के साथ-साथ उर्वरकों की निरंतर आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को समय पर, पर्याप्त मात्रा में और उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध हों।
जिलों में औचक निरीक्षण, दुकानदारों को सख्त निर्देश
उर्वरक वितरण व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में कृषि विभाग के उड़नदस्ता दल द्वारा उर्वरक दुकानों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान स्टॉक एवं बिक्री रजिस्टर की गहन जांच की जा रही है और अनियमितता पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है।
पदाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसानों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक निर्धारित सरकारी दरों पर ही उपलब्ध कराया जाए। साथ ही, किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था भी की गई है।
किसानों के हित में सरकार प्रतिबद्ध
बिहार सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उर्वरक आपूर्ति व्यवस्था को पारदर्शी और सुदृढ़ बनाकर सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि रबी सीजन के दौरान किसान बिना किसी परेशानी के अपनी खेती कर सकें और बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकें।
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