भारत-ब्राज़ील ने लॉन्च किया ‘मैत्री 2.0’ कार्यक्रम कृषि नवाचार और स्टार्टअप्स को नई दिशा
नई दिल्ली – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और ब्राज़ील ने कृषि-नवाचार को नई दिशा देने के लिए ‘मैत्री 2.0’ क्रॉस-इन्क्यूबेशन कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर सचिव (डीएआरई) एवं महानिदेशक (आईसीएआर) डॉ. एमएल जाट, भारत में ब्राज़ील के राजदूत केनेथ नोब्रेगा, वरिष्ठ अधिकारी और दोनों देशों के शोध एवं नवाचार संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
77 साल पुरानी साझेदारी को मिला नया आयाम
डॉ. जाट ने भारत-ब्राज़ील की 77 वर्ष पुरानी साझेदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देशों ने ब्रिक्स और जी20 जैसे वैश्विक मंचों पर साझा भूमिका निभाई है। उन्होंने हाल ही में हुए आईसीएआर-ईएमबीआरएपीए समझौता ज्ञापन को कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखला में सहयोग की बड़ी उपलब्धि बताया।
उन्होंने कहा, “मैत्री 2.0 भारतीय और ब्राज़ीलियाई नवाचारकों के बीच सह-निर्माण हेतु एक द्विपक्षीय शिक्षण मंच है, जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए नवाचारी और समावेशी इको-सिस्टम बनाने की दिशा में अहम कदम है।”
पेटेंट और स्टार्टअप्स में बड़ी छलांग
आईसीएआर महानिदेशक ने बताया कि परिषद ने 1996 में 74 पेटेंट से बढ़कर अब हर साल 1,800 से अधिक पेटेंट हासिल किए हैं। साथ ही, 5,000 से ज्यादा लाइसेंसिंग समझौतों और इनक्यूबेशन केंद्रों से जुड़े प्रयासों ने कृषि नवाचारों को व्यावसायीकरण तक पहुंचाया है।
आईसीएआर-आईएआरआई के निदेशक डॉ. सीएच. श्रीनिवास राव ने बताया कि संस्थान अब तक 400 से अधिक कृषि स्टार्टअप्स का सहयोग कर चुका है। उन्होंने कहा कि कृषि को केवल आजीविका नहीं, बल्कि एक व्यवसाय के रूप में भी देखा जाना चाहिए।
ब्राज़ील के राजदूत ने सराहा कदम
भारत में ब्राज़ील के राजदूत श केनेथ नोब्रेगा ने कहा कि “मैत्री 2.0 भारत-ब्राज़ील की व्यापक रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है। यह पहल कृषि, उभरती प्रौद्योगिकियों और खाद्य व पोषण सुरक्षा में सहयोग के हमारे साझा विजन को मजबूत करेगी।”
साझा चुनौतियों पर ध्यान
कार्यक्रम में एडीजी (आईपीटीएम) डॉ. नीरू भूषण ने जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और सतत गहनता जैसी साझा चुनौतियों पर प्रकाश डाला। वहीं, संयुक्त निदेशक डॉ. विश्वनाथन श्रीनिवासन ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने में आईसीएआर और ब्राज़ील दूतावास की भूमिका की सराहना की।
किसानों को सशक्त बनाने की दिशा
‘मैत्री 2.0’ कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के स्टार्टअप्स, नवप्रवर्तकों और संस्थानों को एक मंच पर लाना, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना और सतत कृषि, डिजिटल प्रौद्योगिकियों एवं मूल्य-श्रृंखला विकास में नए अवसर खोलना है। यह कदम किसानों को सशक्त बनाने और वैश्विक खाद्य प्रणालियों को मजबूत करने में मददगार साबित होगा।