“फसल निगरानी और रोग की पहचान”
नई दिल्ली- कृषि मानव सभ्यता की रीढ़ रही है, और आधुनिक तकनीक के समावेश से इसमें क्रांतिकारी बदलाव आ रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने कृषि क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई है, जिससे किसानों को अधिक सटीकता, दक्षता और उत्पादकता प्राप्त करने में सहायता मिल रही है।

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर बताया कि सरकार ने किसानों की मदद के लिए कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग कर विभिन्न चुनौतियों का समाधान किया है। इस दिशा में सरकार की कुछ प्रमुख पहल निम्नलिखित हैं:
- किसान ई-मित्र: यह एक एआई-संचालित चैटबॉट है, जिसे पीएम किसान सम्मान निधि योजना से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए विकसित किया गया है। यह कई भाषाओं का समर्थन करता है और अन्य सरकारी योजनाओं में सहायता के लिए भी तैयार किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली: जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले फसल नुकसान को कम करने के लिए, यह प्रणाली एआई और मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग करके फसल में कीट संक्रमण की पहचान करती है। इससे समय पर उपाय करके फसलों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
- फसल स्वास्थ्य निगरानी: चावल और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों की स्थिति का मूल्यांकन उपग्रह, मौसम और मिट्टी की नमी के डेटा का उपयोग करके किया जाता है। साथ ही, फील्ड फोटो के आधार पर एआई-आधारित विश्लेषण भी किया जाता है।
गौरतलव है कि AI तकनीक कृषि को एक नए स्तर पर ले जा रही है, जहां डेटा विश्लेषण, मशीन लर्निंग, और रोबोटिक्स का उपयोग करके खेती को अधिक वैज्ञानिक और कुशल बनाया जा रहा है। AI की मदद से किसान जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझ सकते हैं, कीटों से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं, और फसल उत्पादन को अधिकतम कर सकते हैं।
AI द्वारा प्रदान किए जाने वाले समाधान
1. स्मार्ट खेती (Precision Farming)
स्मार्ट खेती में AI-संचालित सेंसर और ड्रोन का उपयोग किया जाता है, जो मिट्टी की गुणवत्ता, नमी, तापमान, और उर्वरक की जरूरत को मापते हैं। इससे किसानों को यह तय करने में आसानी होती है कि कब और कितना पानी देना है या कौन सा उर्वरक इस्तेमाल करना है। यह संसाधनों की बर्बादी को रोकता है और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
2. फसल निगरानी और रोग पहचान
AI-आधारित छवि विश्लेषण तकनीक के जरिए पौधों की बीमारियों और कीटों की पहचान की जा सकती है। मशीन लर्निंग एल्गोरिदम द्वारा ली गई तस्वीरों और डेटा का विश्लेषण कर यह बताया जाता है कि कौन-सी फसल पर किस प्रकार का संक्रमण हो सकता है और उसका इलाज क्या होना चाहिए। इससे किसान जल्दी से सही कदम उठा सकते हैं और बड़े पैमाने पर फसलों के नुकसान को रोका जा सकता है।
3. स्वचालित मशीनें और रोबोटिक्स
कृषि क्षेत्र में स्वचालित ट्रैक्टर, रोबोटिक हार्वेस्टर और AI-संचालित सिंचाई प्रणालियाँ किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही हैं। ये मशीनें बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के खेतों में कार्य कर सकती हैं, जिससे श्रम लागत कम होती है और उत्पादन बढ़ता है।
4. जलवायु पूर्वानुमान और डेटा विश्लेषण
AI तकनीक मौसम संबंधी डेटा का विश्लेषण कर सटीक जलवायु पूर्वानुमान प्रदान करती है। इससे किसानों को बुवाई और कटाई के सही समय का अनुमान लगाने में मदद मिलती है। AI मॉडल जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को मापकर किसानों को संभावित जोखिमों से अवगत कराते हैं, जिससे वे अपनी खेती की रणनीतियों को बेहतर बना सकते हैं।
5. आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
AI का उपयोग कृषि उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू बनाने के लिए भी किया जा रहा है। स्मार्ट एल्गोरिदम बाजार की मांग और आपूर्ति का विश्लेषण कर किसानों को उपयुक्त समय पर अपनी फसल बेचने की सलाह देते हैं। इससे उन्हें सही मूल्य मिल पाता है और बिचौलियों की भूमिका कम होती है।
AI कृषि के भविष्य को अधिक कुशल, उत्पादक और टिकाऊ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकारों और निजी संस्थाओं को मिलकर किसानों को AI आधारित समाधान उपलब्ध कराने और उन्हें इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षित करने की दिशा में काम कर रही है
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