नई किस्म, ज्यादा कीमत और डिजिटल सुविधा—2025 में गन्ना किसान हुए मजबूत!
लखनऊ –प्रदेश में गन्ना किसानों के जीवन स्तर को सुदृढ़ करने और गन्ना अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के उद्देश्य से वर्ष 2025 में गन्ना विकास विभाग द्वारा अनेक ऐतिहासिक और किसान हितैषी निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी तथा राज्यमंत्री संजय गंगवार के मार्गदर्शन में अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्रीमती वीना कुमारी के निर्देशन और आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्रीमती मिनिस्ती एस. के नेतृत्व में विभाग ने योजनाबद्ध ढंग से व्यापक सुधार लागू किए। इन फैसलों से प्रदेश के लगभग 47 लाख गन्ना किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है और उनकी आय, उत्पादन व सामाजिक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन आया है।
नई गन्ना किस्मों से उत्पादन को बढ़ावा
वर्ष 2025 में उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर द्वारा विकसित नई अगेती गन्ना किस्में को.शा. 19231, को.से. 17451 तथा भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा विकसित मध्य-देर पकने वाली किस्म को.लख. 16470 किसानों के लिए अवमुक्त की गईं। को.लख. 16470 की औसत उपज 82.50 टन प्रति हेक्टेयर और शर्करा प्रतिशत 13.20 है, जिससे चीनी रिकवरी बढ़ने के साथ किसानों को बेहतर मूल्य मिलने की संभावना है। इन किस्मों के प्रयोग से प्रदेश में गन्ना उत्पादन की गुणवत्ता और उत्पादकता दोनों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री गन्ना कृषक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
पहली बार शुरू किए गए “मुख्यमंत्री गन्ना कृषक विशेष प्रशिक्षण” कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के लगभग दो लाख किसानों को वैज्ञानिक गन्ना खेती का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में उन्नत किस्मों की पहचान, ड्रिप सिंचाई, सहफसली खेती, मृदा परीक्षण, संतुलित उर्वरकों का प्रयोग, बीज एवं भूमि उपचार, रोग एवं कीट प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़कर लागत घटाना और पैदावार बढ़ाना रहा।
प्रशासनिक पारदर्शिता और आधारभूत ढांचे का सुदृढ़ीकरण
वर्ष 2025 में विभागीय अधिकारियों के फील्ड विजिट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नया निरीक्षण पोर्टल प्रारम्भ किया गया। इससे अधिकारियों और किसानों के बीच संवाद बेहतर हुआ और योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बढ़ी। साथ ही सहकारी गन्ना समितियों के 259 भवनों का जीर्णोद्धार, रंगाई-पुताई एवं खाद्य गोदामों का नव निर्माण कर उनका संचालन शुरू किया गया, जिससे ग्रामीण स्तर पर सुविधाओं में सुधार हुआ।
किसान हितैषी गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति
पेराई सत्र 2025-26 के लिए नई गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति लागू की गई, जिसमें लघु, अतिलघु और महिला गन्ना किसानों को विशेष प्राथमिकता दी गई। पहली बार पेड़ी एवं शरदकालीन गन्ना कृषकों को पाँचवें पक्ष में अतिरिक्त बांडिंग की सुविधा दी गई। महिला किसानों को पर्ची निर्गमन में प्राथमिकता देने से हजारों महिलाओं को समय पर गन्ना आपूर्ति का लाभ मिला। वहीं, मैकेनिकल हार्वेस्टिंग के लिए आवेदन करने वाले किसानों को पारिवारिक कैलेंडर की सुविधा प्रदान की गई, जिससे कटाई एवं आपूर्ति की बेहतर योजना संभव हो सकी।
इसके अतिरिक्त गन्ना आपूर्ति व्यवस्था में सैनिकों, अर्द्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए पृथक एवं प्राथमिक कोटा लागू किया गया, ताकि उन्हें समय से पर्ची और आपूर्ति सुविधा मिल सके।
रिकॉर्ड पेराई, निवेश और औद्योगिक पुनरुद्धार
प्रदेश में संचालित कुल 122 चीनी मिलों ने सत्र 2024-25 में 956.09 लाख टन गन्ने की रिकॉर्ड पेराई कर 92.45 लाख टन चीनी का उत्पादन किया। चीनी मिलों की पेराई क्षमता बढ़कर लगभग 8.48 लाख टन प्रतिदिन हो गई है। औद्योगिक पुनरुद्धार के तहत पिपराइच, मुंडेरवा और रमाला में नई चीनी मिलों की स्थापना की गई तथा 44 से अधिक मिलों का आधुनिकीकरण हुआ। इससे 1,24,500 टीसीडी अतिरिक्त पेराई क्षमता का सृजन हुआ और लगभग 6,824 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजी निवेश प्रदेश में आया।
गन्ना मूल्य भुगतान और दरों में वृद्धि
वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से अब तक किसानों को 3,00,654 करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया है। पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य दरों में 30 रुपये प्रति कुंतल की अभूतपूर्व वृद्धि की गई। अगेती प्रजाति के लिए 400 रुपये प्रति कुंतल और सामान्य प्रजाति के लिए 390 रुपये प्रति कुंतल की दर तय की गई, जिससे किसानों को लगभग 3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलने का अनुमान है।
डिजिटल पहल और तकनीकी नवाचार
स्मार्ट गन्ना किसान (SGK) पोर्टल और “ई-गन्ना” मोबाइल ऐप के माध्यम से किसानों को सर्वे, सट्टा, कैलेंडर और पर्ची की रियल टाइम जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2025 में भू-लेख सत्यापन के लिए राजस्व परिषद की API को SGK से जोड़ा गया। साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसानों के समस्त डेटा को स्टेट डेटा सेंटर सर्वर पर भी होस्ट किया गया।
महिला सशक्तिकरण, ड्रोन और सिंचाई
गन्ना विकास विभाग के इतिहास में पहली बार महिला गन्ना किसानों को पर्ची निर्गमन में प्राथमिकता दी गई, जिससे लगभग 60 हजार महिला किसान सीधे लाभान्वित हुईं। प्रदेश के 37 गन्ना उत्पादक जिलों में 3163 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया, जिनके माध्यम से अब तक 59.75 करोड़ गन्ना सीडलिंग तैयार की गई।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन दीदियों द्वारा 131 ड्रोन से खेतों में उर्वरक और दवाओं का छिड़काव किया गया। वहीं, बूंद-बूंद से अधिक उत्पादन के लक्ष्य के तहत 25 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई प्रणाली स्थापित की गई।
सख्त कार्रवाई और त्वरित समाधान
गन्ना मूल्य भुगतान में लापरवाही बरतने वाली 11 चीनी मिलों के खिलाफ वसूली प्रमाण पत्र जारी किए गए और 11 मिलों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई। किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए टोल-फ्री गन्ना किसान कॉल सेंटर 1800-121-3203 को 24×7 सक्रिय रखा गया।
इन सभी प्रयासों से वर्ष 2025 में गन्ना विकास विभाग ने किसानों के हित में एक सशक्त, पारदर्शी और तकनीक आधारित व्यवस्था स्थापित की है, जिससे प्रदेश की गन्ना अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिली है और किसान आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर हुए हैं।