वैश्विक कृषि नवाचारों का संगम – ICRISAT में 11 देशों के स्कॉलर्स एक मंच पर!

ग्लोबल कृषि नवाचार और सतत खेती पद्धतियों पर हुआ अनुभव साझा

हैदराबाद,- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत आईसीआरआईसैट (International Crops Research Institute for the Semi-Arid Tropics) ने नफील्ड इंटरनेशनल फार्मिंग स्कॉलरशिप्स के ग्लोबल फोकस प्रोग्राम के अंतर्गत 11 देशों से आए 12 फार्मिंग स्कॉलर्स का स्वागत किया।

यह दौरा किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं के बीच सतत कृषि पद्धतियों के आदान-प्रदान को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।

🔸 अनुसंधान सुविधाओं का अवलोकन

दौरे के दौरान स्कॉलर्स ने आईसीआरआईसैट की अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं का अवलोकन किया, जिनमें प्रमुख रूप से चार्ल्स रेनार्ड एनालिटिकल लेबोरेटरी, इंसेक्ट म्यूजियम, और एग्रीबिजनेस इनोवेशन प्रोग्राम (AIP) शामिल थे।
इन केंद्रों में स्कॉलर्स को कृषि में प्रयोग होने वाले फसल विश्लेषण उपकरण, कीट प्रबंधन तकनीकें, और कृषि-उद्यमिता के नए मॉडल दिखाए गए।

आईसीआरआईसैट के वैज्ञानिकों ने बताया कि कैसे संस्था किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने और छोटे किसानों के लिए टिकाऊ समाधान विकसित करने में लगातार कार्य कर रही है।

🔸 बीदर में किसानों से संवाद

अपनी यात्रा के दौरान स्कॉलर्स का दल कर्नाटक के बीदर जिले भी पहुँचा, जहाँ उन्होंने स्थानीय किसानों के साथ संवाद किया और क्षेत्र में अपनाई जा रही सतत खेती तकनीकों को समझा।

विशेष रूप से उन्होंने अरहर (पिजन पी) की खेती में प्रयोग की जा रही “ब्रॉड-बेड एंड फर्रो (BBF)” प्रणाली का अवलोकन किया, जो जल संरक्षण और मृदा स्वास्थ्य सुधार में सहायक है।
दल ने मिलेट प्रोसेसिंग यूनिट का भी दौरा किया, जहाँ 120 से अधिक मूल्य संवर्धित उत्पाद — जैसे बाजरा आधारित स्नैक्स, आटा, एनर्जी बार और रेडी-टू-कुक आइटम — तैयार किए जा रहे हैं।

🔸 वैश्विक सहयोग की दिशा में कदम

आईसीआरआईसैट के अधिकारियों ने बताया कि नफील्ड इंटरनेशनल के साथ यह साझेदारी वैश्विक कृषि नवाचार नेटवर्क को सुदृढ़ करने और स्थानीय-वैश्विक अनुभवों के आदान-प्रदान को गति देने में सहायक होगी।
इससे न केवल भारत के किसान लाभान्वित होंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी भारतीय कृषि नवाचारों से सीखने का अवसर मिलेगा।

नफील्ड इंटरनेशनल के प्रतिनिधियों ने आईसीआरआईसैट के अनुसंधान कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान अर्धशुष्क क्षेत्रों में जलवायु-उपयुक्त फसलों और सतत कृषि पद्धतियों के विकास में वैश्विक नेतृत्व कर रहा है।

🔹सारांश

यह दौरा इस बात का प्रतीक है कि कृषि अब केवल स्थानीय स्तर की गतिविधि नहीं रही, बल्कि वैश्विक सहयोग, नवाचार और ज्ञान-साझा की एक सतत प्रक्रिया बन चुकी है।
आईसीआरआईसैट और नफील्ड इंटरनेशनल का यह प्रयास “एक धरती, एक भविष्य” के सिद्धांत को साकार करने की दिशा में प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

चित्र: सौजन्य सोशल मीडिया

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