कृषि क्षेत्र में रिकॉर्ड सफलता पैदावार नई ऊंचाइयों पर!

देश के कृषि इतिहास में स्वर्णिम वर्ष, खाद्यान्न उत्पादन ने छुए नए शिखर

नई दिल्ली। देश के कृषि क्षेत्र ने एक बार फिर अपनी ताकत और क्षमता को सिद्ध करते हुए वर्ष 2024-25 में खाद्यान्न उत्पादन में नया इतिहास रच दिया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी अंतिम अनुमान के अनुसार, भारत का कुल खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 357.73 मिलियन टन हो गया है, जो पिछले वर्ष के 332.30 मिलियन टन से लगभग 8% अधिक है। यह वृद्धि न सिर्फ किसानों की मेहनत की सफलता है बल्कि सरकार की नीतिगत स्थिरता और तकनीकी प्रगति का भी प्रत्यक्ष संकेत है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतिम आंकड़े जारी करते हुए देश के किसानों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि “यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में किए गए निरंतर प्रयासों का प्रमाण है। पिछले दस वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में 106 मिलियन टन से अधिक की वृद्धि दर्शाती है कि भारत अब खाद्यान्न सुरक्षा के वैश्विक मानकों को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है।”

पिछले 10 वर्षों में 106 मिलियन टन की रिकॉर्ड छलांग

कृषि मंत्री ने बताया कि वर्ष 2015-16 में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन 251.54 मिलियन टन था, जो अब बढ़कर 357.73 मिलियन टन तक पहुंच गया है। यह पिछले 10 वर्षों में उत्पादन में हुई सबसे बड़ी वृद्धि है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि किसानों के परिश्रम, आधुनिक कृषि तकनीकों, बेहतर बीज, सिंचाई सुविधाओं और तमाम सरकारी योजनाओं के सुव्यवस्थित क्रियान्वयन का परिणाम है।

धान और गेहूं ने बनाया नया रिकॉर्ड

देश के मुख्य खाद्यान्न—धान और गेहूं—का उत्पादन इस वर्ष ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है।

धान (चावल) उत्पादन
  • वर्ष 2024-25 में चावल का उत्पादन 1501.84 लाख टन अनुमानित

  • पिछले वर्ष की तुलना में 123.59 लाख टन की वृद्धि

  • यह अब तक का सर्वाधिक चावल उत्पादन है

गेहूं उत्पादन

  • गेहूं उत्पादन 1179.45 लाख टन दर्ज

  • पिछले वर्ष के 1132.92 लाख टन के मुकाबले 46.53 लाख टन अधिक

  • लगातार दूसरे वर्ष गेहूं ने रिकॉर्ड स्थापित किया है

इसके अलावा मक्का और श्रीअन्न (मोटे अनाज) के उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

दाल उत्पादन में तेजी, एमएसपी गारंटी बना बड़ा सहारा

कुल दलहन उत्पादन इस वर्ष 256.83 लाख टन अनुमानित है। प्रमुख दलहनों में वृद्धि इस प्रकार है—

  • चना: 111.14 लाख टन  मूंग: 42.44 लाख टन  तूर: 36.24 लाख टन

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दालों पर एमएसपी खरीद की गारंटी लागू होने से देशभर के लाखों किसान लाभांवित हुए हैं। इससे दलहन उत्पादन को स्थिरता और बाजार में उचित मूल्य मिलने की गारंटी प्राप्त हुई है।

तिलहन उत्पादन में 8% से अधिक वृद्धि, नया रिकॉर्ड स्थापित

वर्ष 2024-25 में कुल तिलहन उत्पादन बढ़कर 429.89 लाख टन होने का अनुमान है, जो वर्ष 2023-24 के 396.69 लाख टन से 33.20 लाख टन अधिक है।

प्रमुख तिलहनों का उत्पादन
  • सोयाबीन: 152.68 लाख टन (रिकॉर्ड)  मूंगफली: 119.42 लाख टन (रिकॉर्ड)  रेपसीड एवं सरसों: 126.67 लाख टन

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तिलहन मिशन के अंतर्गत किसानों को दिए गए प्रोत्साहनों और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के वितरण से उत्पादन में यह उछाल देखने को मिला है।

अन्य प्रमुख फसलों के उत्पादन में भी शानदार सुधार

  • गन्ना उत्पादन: 4546.11 लाख टन  कपास उत्पादन: 297.24 लाख गांठें  पटसन एवं मेस्ता: 88.02 लाख गांठें

इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि न सिर्फ खाद्यान्न, बल्कि नकदी फसलें भी इस वर्ष अपने सर्वोत्तम प्रदर्शन पर रही हैं।

कृषि क्षेत्र के लिए नई रणनीतियां तैयार

अंतिम अनुमान जारी करने के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ से आने वाले वर्षों में दाल उत्पादन में और अधिक वृद्धि होगी। साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पीएम-किसान, सिंचाई परियोजनाओं और तकनीकी नवाचारों से कृषि क्षेत्र और अधिक मज़बूत होगा।

उन्होंने कहा कि “कृषि और किसान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। उत्पादन बढ़ाने से लेकर किसानों की आय सुरक्षा तक, सरकार हर क्षेत्र में समर्पित होकर कदम उठा रही है।”

सारांश

भारत ने कृषि उत्पादन में जो नई ऊँचाइयाँ छुई हैं, वे न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि देश की खाद्यान्न सुरक्षा और वैश्विक कृषि प्रतिस्पर्धा में बढ़ती भागीदारी का प्रतीक भी हैं। यह वर्ष भारतीय किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है।

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