केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान में किसान दिवस का सफल आयोजन

मथुरा में किसान दिवस: बकरी पालन से आयवर्धन पर विशेष जोर

मथुरा – भारतीय कृषि के महान चिंतक, किसान हितैषी नीतियों के प्रणेता एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में बुधवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भा.कृ.अ.प.)–केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, मथुरा के केंद्रीय ऑडिटोरियम में एक भव्य, गरिमामय एवं उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, किसान संगठनों के प्रतिनिधियों तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आए सैकड़ों किसानों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।

राष्ट्रगीत और वंदे मातरम से हुई गरिमामय शुरुआत

कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत ‘वंदे मातरम’ के सामूहिक गायन के साथ किया गया। इसके पश्चात मंचासीन अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में सोनपाल, निदेशक—अनुसंधान संस्थान दीन विक्रेता धाम, फराह (मथुरा) एवं भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की।

किसान–केंद्रित रहा कार्यक्रम का उद्देश्य

राष्ट्रीय किसान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक एवं वैज्ञानिक कृषि तकनीकों, बकरी पालन आधारित उद्यमिता, स्वतंत्र प्रबंधन कौशल, लागत घटाकर अधिक लाभ तथा आयवर्धन के नवीन अवसरों से अवगत कराना रहा। विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि किस प्रकार वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी मार्गदर्शन और संस्थागत सहयोग के माध्यम से खेती एवं पशुपालन को एक स्थायी और लाभकारी व्यवसाय बनाया जा सकता है।

वैज्ञानिक अनुसंधान को खेत तक पहुंचाने का संकल्प

केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेतली ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि संस्थान का निरंतर प्रयास है कि प्रयोगशालाओं में विकसित वैज्ञानिक शोध सीधे किसानों के खेतों और पशुपालन इकाइयों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का एक प्रभावी माध्यम है और यदि किसान इसे उद्यम के रूप में अपनाएं, तो वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं। संस्थान इस दिशा में प्रशिक्षण, तकनीकी परामर्श और नवाचार आधारित सहयोग प्रदान कर रहा है।

वी.बी.जी. राम जी योजना पर दी गई विस्तृत जानकारी

किसान दिवस के अवसर पर डॉ. चेतली ने वी.बी.जी. राम जी योजना (विकसित भारत–रोज़गार एवं मिशन ग्रामीण) की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह योजना किसानों और ग्रामीण युवाओं को रोज़गार के नए अवसर, उद्यमिता को बढ़ावा तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। योजना के माध्यम से कृषि एवं पशुपालन आधारित गतिविधियों को बढ़ावा देकर गांवों में स्थायी आजीविका सृजित की जा रही है।

किसान दिवस से मजबूत होता है संवाद: सोनपाल

मुख्य अतिथि सोनपाल ने अपने संबोधन में कहा कि किसान दिवस जैसे आयोजन किसानों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का सशक्त मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि एवं कृषक क्षेत्र का समग्र विकास तभी संभव है, जब किसान वैज्ञानिक ज्ञान को व्यवहार में अपनाएं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कार्यक्रम में प्राप्त जानकारी किसानों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी और इससे उत्पादन, गुणवत्ता तथा आय में सकारात्मक बदलाव आएगा।

चौधरी चरण सिंह के विचार आज भी प्रासंगिक

कार्यक्रम में डॉ. गोपाल दास, प्रधान वैज्ञानिक ने चौधरी चरण सिंह के विचारों का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा किसान को राष्ट्र की आत्मा माना। उन्होंने कहा कि जब तक किसान समृद्ध नहीं होगा, तब तक देश का समग्र विकास संभव नहीं है। उनके विचार आज भी कृषि नीति और ग्रामीण विकास के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

किसानों का सम्मान: 125 किसानों को कंबल वितरण

कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि सोनपाल, संस्थान निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेतली, डॉ. गोपाल दास एवं डॉ. अरविंद कुमार, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा उपस्थित 125 किसानों को कंबल वितरित कर सम्मानित किया गया। इस पहल को किसानों ने सराहा और इसे उनके प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का प्रतीक बताया।

सकारात्मक संदेश के साथ कार्यक्रम का समापन

राष्ट्रीय किसान दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम ज्ञानवर्धन, संवाद और सम्मान का सशक्त उदाहरण बना। किसानों ने वैज्ञानिकों से प्रत्यक्ष संवाद कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया और आधुनिक कृषि एवं पशुपालन को अपनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का समापन किसानों के उज्ज्वल भविष्य और सशक्त ग्रामीण भारत के संदेश के साथ हुआ।

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