भारत दूध उत्पादन में अग्रणी: प्रति व्यक्ति 485 ग्राम उपलब्धता

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर किसानों को सम्मान, नई तकनीकों पर जोर

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2025: भारत की डेयरी क्षमता का राष्ट्रीय प्रदर्शन, गोपाल रत्न पुरस्कार वितरित, बीएएचएस–2025 और नए पशु चिकित्सा दिशानिर्देश जारी
नई दिल्ली,-मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2025 भव्य रूप से मनाया। कार्यक्रम का उद्देश्य देश में डेयरी एवं पशुधन क्षेत्र की उपलब्धियों को उजागर करना, प्रगतिशील किसानों का सम्मान करना और पशु चिकित्सा एवं डेयरी अवसंरचना को नई दिशा देना रहा।

गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 का वितरण: उत्कृष्ट पशुपालकों को मिला राष्ट्रीय मंच

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने देशभर से चयनित सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसानों, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों तथा डेयरी सहकारी समितियों को राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 प्रदान किए।
पुरस्कार तीन प्रमुख श्रेणियों में दिए गए—

  1. स्वदेशी गाय/भैंस नस्लों के श्रेष्ठ पालक

  2. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन

  3. उत्कृष्ट डेयरी सहकारी समिति/दूध उत्पादक कंपनी/एफपीओ

मंत्री बघेल ने पुरस्कार विजेताओं को देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के स्तंभ बताते हुए कहा कि “भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 485 ग्राम प्रतिदिन तक पहुंच गई है, जो वैश्विक औसत 329 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से काफी अधिक है।” उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र न केवल किसानों की आय बढ़ा रहा है बल्कि ग्रामीण आजीविका का सबसे स्थिर आधार बन चुका है।

बीएएचएस–2025 और नए पशु चिकित्सा मानक जारी

समारोह में प्रो. बघेल ने बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी (बीएएचएस)–2025 रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट देश के पशुधन क्षेत्र से संबंधित अद्यतन आंकड़े प्रदान करेगी, जो नीतिगत निर्णयों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

इसके साथ ही उन्होंने पशु चिकित्सा अवसंरचना के न्यूनतम मानकों हेतु राष्ट्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए। ये दिशानिर्देश चार-स्तरीय संरचना पर आधारित हैं—

  • प्राथमिक पशु चिकित्सा देखभाल केंद्र (PVCC)

  • ब्लॉक स्तर के पशु चिकित्सा अस्पताल

  • जिला स्तरीय पशु चिकित्सा अस्पताल

  • राज्य स्तरीय पॉलीक्लिनिक/रेफरल केंद्र

यह पहल देश में पशु चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और राज्यों में एक समान संरचना विकसित करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

जॉर्ज कुरियन ने उन्नत प्रजनन तकनीकों को सराहा

मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 के विजेताओं को बधाई देते हुए कृत्रिम गर्भाधान और भ्रूण स्थानांतरण जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि डेयरी उत्पादकता बढ़ाने और पशुधन विकास को गति देने के लिए पशु चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करना और नवीन वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग समय की आवश्यकता है।

9 नस्ल गुणन फार्मों का उद्घाटन: स्वदेशी नस्लों के संरक्षण को नई गति

कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों में 9 नए ब्रीड मल्टीप्लिकेशन फार्मों का उद्घाटन भी किया गया। ये फार्म स्वदेशी गाय-भैंस नस्लों के विकास, संवर्धन और गुणवत्तापूर्ण नस्लीय बीज उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस पहल से पशुधन उत्पादकता में दीर्घकालिक वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।

20 आधुनिक इंसुलेटेड दूध टैंकरों को मिली हरी झंडी

राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के तहत स्थापित रोपड़ मिल्क यूनियन के 20 इंसुलेटेड दूध टैंकरों को मंत्री प्रो. बघेल ने झंडी दिखाकर रवाना किया। यह परियोजना जेआईसीए (जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी) द्वारा समर्थित सहकारिता सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम का हिस्सा है। आधुनिक टैंकर डेयरी सप्लाई चेन को और अधिक प्रभावी एवं सुरक्षित बनाएंगे।

वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी और महत्वपूर्ण संबोधन

कार्यक्रम में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की अपर सचिव सुश्री वर्षा जोशी ने स्वागत भाषण दिया और राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के महत्व को रेखांकित किया।
सचिव नरेश पाल गंगवार ने कहा कि देश में आनुवंशिक सुधार कार्यक्रमों, सेक्स–सॉर्टेड सीमन, आईवीएफ तकनीक और उन्नत प्रजनन विधियों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जिससे दीर्घकालिक उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। उन्होंने डेयरी सहकारी समितियों द्वारा किसानों की आजीविका में लाए सुधार की भी सराहना की।

संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ

इस वर्ष राष्ट्रीय दुग्ध दिवस कार्यक्रम की विशेष पहल के तहत मंत्री बघेल ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों के साथ भारत के संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पठान कराया। इसका उद्देश्य न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के संवैधानिक मूल्यों को जनमानस में मजबूत करना था।

पैनल चर्चा: तकनीकी प्रगति से पशु उत्पादकता में सुधार

कार्यक्रम में एक विशेष पैनल चर्चा आयोजित हुई जिसका विषय था—
“पशु उत्पादकता में वृद्धि: तकनीकी विशेषज्ञों और प्रगतिशील किसानों के साथ अनुभव साझा करना।”
इस सत्र में विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों ने

  • उभरती वैज्ञानिक तकनीकें

  • पशुधन प्रबंधन की नई रणनीतियाँ

  • क्षेत्रीय चुनौतियाँ

  • नवाचार और सफल मॉडल

पर विस्तृत चर्चा की। प्रतिभागियों ने बताया कि उन्नत तकनीकों के उपयोग से पशु उत्पादन में मापनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

प्रगतिशील किसानों को राष्ट्रीय सम्मान का मंच

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2025 का यह समारोह देश भर के पशुपालकों, डेयरी तकनीशियनों और सहकारी संस्थाओं के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने वाला मंच साबित हुआ।
यह समारोह भारत के पशुधन और डेयरी क्षेत्र की क्षमता, संभावनाओं और उपलब्धियों का प्रतीक बनकर उभरा।

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