इफको की विज्ञान आधारित खेती से किसानों को नई ताकत!

कोयंबटूर स्थित नैनो उर्वरक अनुसंधान केंद्र का अध्यक्ष दिलीप संघानी ने किया दौरा

कोयंबटूर नैनो उर्वरक अनुसंधान केंद्र का दौरा: इफको अध्यक्ष दिलीप संघानी ने बताए भारतीय कृषि के भविष्य के सूत्र

कोयंबटूर। भारतीय किसान उर्वरक सहकारी संस्था (इफको/IFFCO) के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित नैनो उर्वरक अनुसंधान केंद्र का विस्तृत दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय कृषि को भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप तैयार करने में शोध, नवाचार और ज्ञान आधारित समाधानों की रणनीतिक भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।

दौरे के दौरान संघानी ने केंद्र में विकसित की जा रही अत्याधुनिक नैनो उर्वरक तकनीकों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं तथा चल रही वैज्ञानिक परियोजनाओं की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों से संवाद करते हुए कहा कि बदलते जलवायु परिदृश्य, घटते प्राकृतिक संसाधन और बढ़ती जनसंख्या के बीच भारतीय कृषि को टिकाऊ और लाभकारी बनाना समय की आवश्यकता है, जिसमें विज्ञान और नवाचार की अहम भूमिका होगी।

नैनो उर्वरक से सटीक पोषण प्रबंधन पर जोर

संघानी ने कहा कि नैनो उर्वरक तकनीक सटीक पोषण प्रबंधन (प्रिसिजन न्यूट्रिशन) को बढ़ावा देती है, जिससे फसलों को आवश्यक तत्व सही मात्रा और सही समय पर उपलब्ध हो पाते हैं। इससे उर्वरकों की खपत कम होती है, लागत घटती है और मिट्टी एवं पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव भी कम होते हैं। उन्होंने बताया कि यह तकनीक किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ कृषि को अधिक पर्यावरण–अनुकूल बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है।

सतत कृषि पद्धतियों को मिलेगा बढ़ावा

इफको अध्यक्ष ने कहा कि नैनो उर्वरक अनुसंधान केंद्र का मुख्य उद्देश्य टिकाऊ कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना है। जल संरक्षण, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग जैसे विषयों पर केंद्रित यह अनुसंधान भारतीय कृषि को दीर्घकालिक मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान के निष्कर्षों को सीधे किसानों तक पहुँचाना इफको की प्राथमिकता है।

किसानों को विज्ञान आधारित समाधानों से सशक्त बनाने की पहल

संघानी ने अपने संबोधन में कहा कि इफको का दीर्घकालिक लक्ष्य किसानों को विज्ञान आधारित समाधानों के माध्यम से सशक्त बनाना है। नैनो उर्वरक, आधुनिक कृषि तकनीकें और ज्ञान आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों को कम संसाधनों में अधिक उत्पादन करने में सक्षम बनाएंगे। इससे खेती को लाभकारी व्यवसाय के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।

भविष्य की पीढ़ियों के लिए मजबूत कृषि व्यवस्था का निर्माण

उन्होंने कहा कि नैनो उर्वरक अनुसंधान केंद्र की यह पहल इफको की उस दूरदर्शी सोच को दर्शाती है, जिसके तहत दक्षता के साथ उत्पादकता बढ़ाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत, सक्षम और टिकाऊ कृषि प्रणाली का निर्माण किया जा रहा है। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती मिलेगी।

दौरे के अंत में दिलीप संघानी ने अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की तथा विश्वास व्यक्त किया कि नैनो उर्वरक अनुसंधान भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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