महाराष्ट्र के बीड़ में 20 हजार किसानों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए बोले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
बीड़ (महाराष्ट्र)- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को महाराष्ट्र के बीड जिले स्थित ग्लोबल विकास ट्रस्ट (जीवीटी) कृषिकुल सिरसला में आयोजित 20 हजार किसान भाई-बहनों के सम्मेलन को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के हितों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और फसल बीमा योजना के तहत किसानों को उनके नुकसान की पाई-पाई राशि दी जाएगी।
किसानों से सीधा संवाद और अनुभवों का आदान-प्रदान
मुख्य कार्यक्रम से पहले चौहान ने किसानों के साथ आमने-सामने बातचीत की। इस दौरान किसानों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि किस प्रकार रेशम की खेती, प्राकृतिक खेती और जल संचयन के नए प्रयोगों से उनकी आय और जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।
केंद्रीय मंत्री ने किसानों की पहल की सराहना करते हुए कहा, “जीवीटी के माध्यम से जो कार्य किए जा रहे हैं, वे देश के लिए प्रेरणादायक हैं। किसानों की आय बढ़ाना ही हमारा असली लक्ष्य है ताकि कोई भी किसान भाई-बहन कभी मजबूरी में आत्महत्या का रास्ता न चुने।”
बीमा राशि की पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के हर नुकसान की भरपाई के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर क्षति-ग्रस्त क्षेत्रों के किसानों की मदद करेंगी।
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा देगी और केंद्र सरकार एनडीआरएफ फंड के माध्यम से अतिरिक्त सहायता प्रदान करेगी। यदि आवश्यकता हुई, तो विशेष राहत पैकेज की मांग पर भी केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी।”
चौहान ने हाल ही में दिल्ली में बीमा कंपनियों के साथ हुई समीक्षा बैठक का उल्लेख करते हुए बताया कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि किसानों तक बीमा राशि पूरी पारदर्शिता और समय पर पहुंचे।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नवाचार की आवश्यकता
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से खेती सबसे अधिक प्रभावित होती है। असमय बारिश और सूखे की स्थिति से निपटने के लिए जलवायु अनुकूल बीज विकसित करना और उनका प्रसार जरूरी है।
उन्होंने कहा, “ऐसे बीज तैयार करने की दिशा में काम करना होगा जो अधिक पानी या सूखे दोनों परिस्थितियों में टिकाऊ साबित हों।”
प्राकृतिक खेती को अपनाना समय की जरूरत
चौहान ने कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है।
उन्होंने किसानों से गौ आधारित और जैविक खेती अपनाने का आह्वान किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “धरती मां को स्वस्थ रखने के लिए हमें प्राकृतिक खेती की ओर लौटना होगा। आने वाली पीढ़ियों के लिए यह हमारा दायित्व है।”
खेती में विविधता और प्रोसेसिंग पर बल
केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों से पारंपरिक खेती के साथ-साथ फल, फूल, सब्जियों, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन और कृषि वानिकी जैसे विकल्प अपनाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि गांव स्तर पर ही कृषि प्रसंस्करण इकाइयां (Processing Units) स्थापित की जानी चाहिए, जिससे किसानों को अपने उत्पाद का उचित दाम मिल सके।
चौहान ने बताया कि सरकार क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा दे रही है ताकि व्यापारी सीधे गांवों से खरीद सकें।
जल संरक्षण पर केंद्रित प्रयास
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में मनरेगा योजना के तहत 65 प्रतिशत धनराशि जल संरक्षण कार्यों पर खर्च की जाएगी।
उन्होंने कहा, “पानी का संरक्षण केवल पर्यावरणीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कृषि की निरंतरता और किसान की आजीविका से जुड़ा विषय है।”
नकली खाद, बीज और कीटनाशकों पर सख्ती
कृषि मंत्री ने कहा कि नकली खाद, बीज और कीटनाशक बनाने वालों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि आगामी बजट सत्र में इस विषय पर एक विशेष कानून (बिल) लाया जाएगा, जिससे किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों को कठोर दंड दिया जा सके।
प्रधानमंत्री आवास योजना से किसानों को मिला बड़ा लाभ
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अब तक महाराष्ट्र को 30 लाख मकानों की स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि नए सर्वे के बाद जो पात्र किसान परिवार बाकी रह गए हैं, उन्हें भी केंद्र सरकार की ओर से आवास का लाभ दिया जाएगा।
किसानों के लिए केंद्र सरकार का संकल्प
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों के जीवन में समग्र परिवर्तन लाने का कार्य निरंतर जारी है।
उन्होंने कहा, “सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, उनकी आय दोगुनी करने और ग्रामीण भारत को विकसित भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई
सम्मेलन के समापन पर चौहान ने राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में देशवासियों और किसान भाई-बहनों को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि,
“किसान देश की आत्मा हैं, उनकी प्रगति ही भारत की असली उन्नति है।”