राज्य में हर ग्राम पंचायत में लगेगी ‘कृषि जन कल्याण चौपाल’, किसानों तक पहुंचेंगी योजनाएं व तकनीक
पटना– बिहार सरकार कृषि विभाग, राज्य के किसानों को योजनाओं, तकनीकी ज्ञान और फसल प्रबंधन की नवीनतम जानकारी सीधे गाँवों तक पहुँचाने के उद्देश्य से सरकार ने एक बड़ी पहल शुरू की है। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में ‘कृषि जन कल्याण चौपाल’ का आयोजन किया जा रहा है। 15 दिसंबर 2025 तक चलने वाले विशेष अभियान के दौरान कृषि विशेषज्ञ, अधिकारी और वैज्ञानिक गाँव-गाँव पहुँचकर किसानों को प्रशिक्षण देंगे, उनकी समस्याएँ सुनेंगे और आधुनिक खेती से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारी उपलब्ध कराएँगे। यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बनाने की दिशा में सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
चौपाल का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कृषि विभाग द्वारा संचालित सभी कार्यक्रमों और योजनाओं की जानकारी सीधे किसानों तक पहुँचे। इस पहल से किसानों को खेती से संबंधित नवीनतम वैज्ञानिक तरीकों, फसल विविधीकरण, मिट्टी संरक्षण, पोषक तत्व प्रबंधन, स्मार्ट कृषि तकनीक और नई फसल किस्मों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
किसानों की समस्याएं सुनकर वहीं किया जाएगा समाधान

कृषि विशेषज्ञों और विभागीय टीमों की तैनाती ग्राम पंचायत स्तर पर की जाएगी जो किसानों द्वारा उठाए गए प्रश्नों और समस्याओं पर सीधा संवाद करेंगी। फसल रोग, कीट प्रबंधन, सिंचाई समस्याओं और मौसम संबंधी चुनौतियों पर किसानों को उपयुक्त सलाह दी जाएगी। कृषि विभाग का कहना है कि चौपाल के जरिए किसानों की जरूरतों को समझकर उन्हें सही तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाएगा।
फसल विविधीकरण और मोटे अनाज (मिलेट्स) पर विशेष ध्यान
कार्यक्रम के दौरान किसानों को फसल विविधीकरण के महत्व और मोटे अनाज (मिलेट्स) के उत्पादन से होने वाले आर्थिक लाभ के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रही हैं, जिनकी जानकारी चौपाल में किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।
योजनाओं की जानकारी और ऑनलाइन आवेदन में सहायता
कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं—जैसे कि फसल बीमा योजना, जैविक खेती योजना, उर्वरक सब्सिडी, कृषि मशीनरी अनुदान, फल-फूल एवं सब्जी उत्पादन योजनाएँ—की जानकारी किसानों को दी जाएगी। साथ ही जिन किसानों को ऑनलाइन आवेदन या पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन में कठिनाई होती है, उन्हें चौपाल में ही आवेदन कराने में मदद दी जाएगी।
फसल अवशेष प्रबंधन और पराली न जलाने पर विशेष जागरूकता
कृषि विभाग ने बताया कि चौपाल का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के वैज्ञानिक तरीकों के बारे में जागरूक करना है। पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता, पर्यावरण और स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान पर किसानों को विस्तृत जानकारी दी जाएगी। साथ ही आधुनिक उपकरणों और प्रबंधन तकनीकों के उपयोग के बारे में भी बताया जाएगा जिससे किसान बिना पराली जलाए खेत को अगली फसल के लिए तैयार कर सकें।
उन्नत तकनीक और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण
कृषि विज्ञान केंद्रों और तकनीकी संस्थानों के वैज्ञानिक भी चौपाल में भाग लेकर खेत की तैयारी, जल प्रबंधन, शुष्क भूमि कृषि, जैविक खेती, बहुफसलीय खेती और प्राकृतिक खेती जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण देंगे। इससे किसानों को मौसम आधारित कृषि, जल संरक्षण और पैदावार बढ़ाने के वैज्ञानिक तरीके सीखने में मदद मिलेगी।
राज्य सरकार की किसान हितैषी पहल
कृषि विभाग का कहना है कि यह कार्यक्रम किसानों को सक्षम बनाने और कृषि क्षेत्र में विकास की गति को तेज करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। सरकार चाहती है कि कोई भी किसान योजनाओं से वंचित न रहे और नवीनतम तकनीकों का लाभ लेकर उत्पादन एवं आय में वृद्धि कर सके।
सभी किसानों से अपील की गई है कि वे निर्धारित तिथियों के दौरान अपनी ग्राम पंचायत में आयोजित होने वाली चौपाल में अनिवार्य रूप से भाग लें और कृषि विभाग की सुविधाओं का लाभ उठाएँ।
किसान अधिक जानकारी या सहायता के लिए कृषि कॉल सेंटर के टोल-फ़्री नंबर 1800 180 1551 पर संपर्क कर सकते हैं।