🌍 अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) ने जुटाए 165 मिलियन डॉलर, UN सुधारों में निभाएगा अहम रोल
रोम। अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) ने हाल ही में 165 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सह-वित्तपोषण जुटाने में सफलता हासिल की है। इसमें उल्लेखनीय बात यह है कि इस राशि का लगभग आधा हिस्सा निजी निवेशकों से आया है। यह वैश्विक स्तर पर कृषि और ग्रामीण विकास के लिए एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
💡निजी निवेशकों का बढ़ता भरोसा
IFAD के अनुसार, सह-वित्तपोषण में निजी निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी इस बात का प्रमाण है कि संगठन की योजनाओं और मॉडल पर वैश्विक बाजार और निवेशक समुदाय का भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि विकासशील देशों की ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती देने और छोटे किसानों को सशक्त बनाने के लिए यह निवेश एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
🚀संयुक्त राष्ट्र सुधारों में सक्रिय भागीदारी

संयुक्त राष्ट्र में होने वाले सुधारों पर होने वाली चर्चाओं में भी IFAD सक्रिय रूप से भाग लेगा। संस्था का कहना है कि यह “एक स्वस्थ अभ्यास है, जो ध्यान, कार्यान्वयन और प्रभाव सुनिश्चित करेगा।”
सुधारों के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और जवाबदेह बनाने पर जोर दिया जा रहा है। IFAD का मानना है कि यह प्रक्रिया संगठनात्मक स्तर पर वैश्विक विकास कार्यक्रमों को और मजबूत करेगी।
⚡कम लागत में ज्यादा प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में IFAD को सबसे कम लागत संरचना वाली संस्था माना जाता है। हाल के वर्षों में संगठन ने अपनी कार्यकुशलता, प्रभावशीलता और संगठनात्मक चुस्ती (Agility) को बढ़ाने के लिए कई सुधार किए हैं।
सबसे बड़ा बदलाव विकेंद्रीकरण रहा है, जिसके चलते संगठन ने अब तक 5.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत की है।
👉तेज हुई परियोजना प्रक्रिया
सुधारों का एक और बड़ा परिणाम यह रहा है कि परियोजना डिजाइन और धन वितरण की समय-सीमा लगभग आधी कर दी गई है। पहले जहां परियोजना तैयार करने और लागू करने में लंबा समय लगता था, अब वही काम कम समय में पूरा हो रहा है। इससे ग्रामीण समुदायों तक संसाधन और सहायता अधिक तेजी से पहुंच पा रही है।
🌾छोटे किसानों और ग्रामीण विकास पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि IFAD द्वारा जुटाए गए ये निवेश छोटे किसानों, ग्रामीण महिलाओं और कमजोर समुदायों तक सीधे लाभ पहुंचाने में मददगार होंगे। खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन से निपटने की तैयारी और सतत कृषि (Sustainable Agriculture) को बढ़ावा देने में भी इस पूंजी का उपयोग किया जाएगा।
सारांश
IFAD का यह कदम ग्लोबल कृषि वित्तपोषण और संयुक्त राष्ट्र सुधार प्रक्रिया दोनों ही संदर्भों में एक अहम पड़ाव है। निजी निवेशकों का भरोसा, लागत में बचत और तेज परियोजना कार्यान्वयन यह साबित करता है कि IFAD न केवल एक वित्तीय संस्था है, बल्कि विकासशील देशों के ग्रामीण जीवन को बदलने की एक ठोस वैश्विक शक्ति भी है