पूसा में किसान नवाचारों का महासंगम, 23–24 दिसंबर को होगा IARI कॉन्क्लेव 2025

किसान-से-किसान सीख का नया अध्याय, पूसा की अनूठी पहल

नई दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर–आईएआरआई), पूसा इस वर्ष किसान दिवस–2025 को एक नए और प्रेरक स्वरूप में मनाने जा रहा है। इस अवसर पर संस्थान द्वारा ‘IARI नवोन्मेषी किसान कॉन्क्लेव–2025’ का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य किसानों द्वारा विकसित नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना और उन्हें कृषि की मुख्यधारा से जोड़ना है।

चौधरी चरण सिंह की सोच को साकार करने का प्रयास

यह आयोजन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की उस सोच से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने समृद्ध किसान को राष्ट्र के विकास की आधारशिला माना था। इसी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए IARI ने इस वर्ष किसान दिवस की थीम “भारत में किसान नवाचारों का मुख्यधाराकरण” तय की है।

किसान-से-किसान सीख को मिलेगा नया मंच

कॉन्क्लेव की विशेषता यह होगी कि पिछले वर्षों में संस्थान द्वारा सम्मानित किसान नवप्रवर्तक स्वयं मंच से अपने नवाचार प्रस्तुत करेंगे। वे अपने खेतों में अपनाई गई नई तकनीकों, अनुभवों और सफल मॉडलों को देशभर से आए किसानों के साथ साझा करेंगे। इससे Farmer-to-Farmer Learning की परंपरा को मजबूती मिलेगी।

23–24 दिसंबर को होगा दो दिवसीय आयोजन

IARI के निदेशक डॉ. सी. एच. श्रीनिवास राव ने बताया कि यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव 23 और 24 दिसंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एम. एल. जाट, सचिव (DARE) एवं महानिदेशक, ICAR द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से किसान इसमें भाग लेंगे, जिससे यह एक राष्ट्रीय स्तर का संवाद मंच बनेगा।

केंद्रीय मंत्री करेंगे किसानों से संवाद

कॉन्क्लेव के दूसरे दिन, 24 दिसंबर को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी किसानों से सीधा संवाद करेंगे। इस दौरान किसान अपने अनुभव, चुनौतियाँ और नवाचार साझा करेंगे, जिससे नीतिगत निर्णयों और जमीनी हकीकत के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा।

छह तकनीकी सत्रों में होंगे अहम विषय

संस्थान के संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. आर. एन. पडारिया के अनुसार, कॉन्क्लेव में छह तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। इनमें प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, बागवानी, महिला किसानों का सशक्तिकरण, समूह गतिशीलता एवं उद्यमिता, कृषि यंत्रीकरण तथा किसान नवाचारों के सत्यापन और प्रसार की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा होगी।

टिकाऊ और नवाचार-आधारित कृषि की ओर कदम

‘IARI नवोन्मेषी किसान कॉन्क्लेव–2025’ न केवल किसानों की रचनात्मक क्षमता को सम्मान देगा, बल्कि उनके नवाचारों को मुख्यधारा में लाकर समावेशी, टिकाऊ और नवाचार-आधारित भारतीय कृषि के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।

क्योंकि समृद्ध किसान ही विकसित भारत की नींव है।

Photo File

Leave a Comment