डेयरी अवसंरचना को मजबूत करने के लिए सरकारी पहल

राष्ट्रीय गोकुल मिशन और डेयरी विकास योजनाओं से दूध उत्पादन को बढ़ावा

नई दिल्ली: पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) देश में दूध उत्पादन और गोजातीय पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन को लागू कर रहा है। यह मिशन देशी नस्लों के विकास और संरक्षण तथा गोजातीय आबादी के आनुवंशिक उन्नयन पर केंद्रित है।

इसके अतिरिक्त, डीएएचडी दूध खरीद और प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न डेयरी विकास योजनाओं को लागू कर रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित योजनाएं शामिल हैं:

  • राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी)
  • दुग्ध सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों (एसडीसीएफपीओ) को सहायता
  • पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ)

    एसपी सिंह बघेल
सहकारी क्षेत्र की दूध खरीद में होगा इजाफा

इन योजनाओं के प्रभाव से देशभर में दुग्ध सहकारी समितियों के कवरेज का विस्तार होगा। सरकार का लक्ष्य है कि 2028-29 तक सहकारी क्षेत्र की दूध खरीद बढ़कर 1,007 लाख किलोग्राम प्रतिदिन हो जाए। वर्तमान में देशभर में 2.35 लाख दुग्ध सहकारी समितियां स्थापित या सुदृढ़ की जा चुकी हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में भारत का कुल दूध उत्पादन 239.30 मिलियन मीट्रिक टन रहा, जो पिछले दस वर्षों की तुलना में 63.56% अधिक है।

कर्नाटक सहित प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्यों की स्थिति

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश के प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्यों की तुलना में कर्नाटक में दूध उत्पादन और प्रति व्यक्ति उपलब्धता का विवरण निम्नलिखित है:

राज्य/यूटी दुग्ध उत्पादन (000 टन) प्रति व्यक्ति उपलब्धता (ग्राम/दिन) दूध की बिक्री (लाख लीटर/दिन)
आंध्र प्रदेश 13,994 719 14.27
बिहार 12,853 277 14.78
गुजरात 18,312 700 65.84
कर्नाटक 13,463 543 52.69
महाराष्ट्र 16,045 347 49.65
पंजाब 14,000 1245 12.88
राजस्थान 34,733 1171 29.88
तमिलनाडु 10,808 384 30.09
उत्तर प्रदेश 38,780 450 21.06
अखिल भारतीय औसत 2,39,299 471 438.25

(स्रोत: बेसिक एनीमल हसबैंड्री स्टैटिस्टिक्स 2024 और एनडीडीबी वार्षिक रिपोर्ट)

दूध की खपत पर रिपोर्ट

हालांकि दूध की खपत का सटीक डेटा विभाग के पास उपलब्ध नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय डेयरी योजना (एनडीपी-I) के तहत हुए अध्ययन के अनुसार, 2019 में देश में दूध और दूध उत्पादों की कुल अनुमानित खपत 162.4 मिलियन मीट्रिक टन थी।

कर्नाटक में डेयरी सहकारी समितियों का विस्तार

डीएएचडी कर्नाटक सहित पूरे देश में दुग्ध सहकारी समितियों के विस्तार पर जोर दे रहा है। वहीं, कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) भी अपने नेटवर्क का विस्तार करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। केएमएफ द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों में शामिल हैं:

  • 2013-14 में औसत दूध खरीद 51.61 लाख किलोग्राम प्रतिदिन (एलकेजीपीडी) थी, जो 2023-24 में बढ़कर 82.98 एलकेजीपीडी हो गई।
  • 2024-25 में केएमएफ के अंतर्गत 15,888 दुग्ध सहकारी समितियां कार्यरत हैं, जो राज्य के 24,000 गांवों को कवर कर रही हैं।
  • गुणवत्ता और दक्षता सुधारने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम: विशेष रूप से उत्तरी कर्नाटक में किसानों और सहकारी सदस्यों को दूध की गुणवत्ता और उत्पादन दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

यह जानकारी केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने 12 मार्च 2025 को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।

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