सरसों–मसूर की खेती बनी आय बढ़ाने का मजबूत आधार
बहराइच में कृषि विविधीकरण की मिसाल: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सरसों–मसूर की मिश्रित(Mixed Farming) खेती का किया अवलोकन
बहराइच। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश के जागरूक किसान अब खेती में विविधता अपनाकर अधिक आय की दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने अपने प्रभार जनपद बहराइच के ग्राम अरईकलां का भ्रमण कर किसानों द्वारा की जा रही सरसों एवं मसूर की मिश्रित खेती का अवलोकन किया।
कृषि मंत्री ने कहा कि मिश्रित खेती किसानों के लिए अनेक दृष्टि से लाभकारी सिद्ध हो रही है। इससे भूमि की उर्वरता बनी रहती है, कीट एवं रोगों का प्रकोप कम होता है और फसल उत्पादन में जोखिम घटता है। एक ही खेत में दो फसलों की खेती से लागत में कमी आती है, जबकि आय के स्रोत बढ़ते हैं।
उन्होंने बताया कि सरसों और मसूर की मिश्रित खेती से खेत में पोषक तत्वों का संतुलन बना रहता है, जिससे उत्पादन अधिक होता है और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। यह पद्धति न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक है, बल्कि सतत, प्राकृतिक एवं पर्यावरण–अनुकूल कृषि को भी बढ़ावा देती है।
कृषि मंत्री ने किसानों की इस पहल की सराहना करते हुए अन्य किसानों से भी मिश्रित एवं विविधीकृत खेती अपनाने का आह्वान किया, ताकि कृषि को लाभकारी और टिकाऊ बनाया जा सके।