शिवराज सिंह चौहान ने तालाब में उतरकर समझी मखाना खेती की कठिनाइयां
दरभंगा: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दरभंगा में तालाब में उतरकर मखाना उत्पादक किसानों से सीधी चर्चा की। उन्होंने मखाना की खेती की पूरी प्रक्रिया को समझा और उत्पादन से जुड़ी समस्याओं पर किसानों से सुझाव लिए।
चौहान ने कहा कि मखाना की खेती कठिन होती है, जहां किसानों को तालाब में दिनभर रहकर कार्य करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस वर्ष बजट में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की है और इसे किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझकर बनाया जाएगा। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
मखाना अनुसंधान केंद्र का दौरा
राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र पर आयोजित किसान संवाद कार्यक्रम में चौहान ने कहा कि सरकार केवल विभाग नहीं चलाती बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की समस्याओं को गहराई से समझकर उनका समाधान निकालने का प्रयास करती है। उन्होंने कहा कि खेती केवल एक ही प्रकार की नहीं होती, कहीं केला, कहीं लीची, कहीं मकई, गेहूं और धान उगाए जाते हैं, वहीं दरभंगा में मखाना होता है। उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए हर फसल को ठीक से देखना आवश्यक है।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए उन्हें नमन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया कि उन्होंने मखाना बोर्ड बनाने का निर्णय लिया। श्री चौहान ने मखाना को सुपरफूड बताते हुए कहा कि यह पोषण का भंडार है, लेकिन इसकी खेती बेहद कठिन होती है।
मखाना उत्पादन में तकनीकी सुधार की जरूरत
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मखाना उत्पादन को आसान बनाने के लिए आईसीएआर और अनुसंधान केंद्र को कांटा रहित मखाने का बीज विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से मखाना उत्पादन को बेहतर बनाया जाएगा।
उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि सरकार उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने और कठिनाइयों को दूर करने पर काम कर रही है। उन्होंने तालाबों और पोखरों के निर्माण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत सहायता उपलब्ध कराने पर विचार करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि मखाना के उचित मूल्य को सुनिश्चित करने के लिए बाजार का विस्तार, ब्रांडिंग और पैकेजिंग पर भी ध्यान दिया जाएगा।
चौहान ने कहा कि बिहार के किसान मेहनती और प्रतिभाशाली हैं और मखाना सुपरफूड के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा कि मखाना उत्पादकों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाएगा और सरकार उनके विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।