दिल्ली में रबी अभियान 2025 का आगाज़, किसानों के लिए नई रणनीति

राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन 2025: रबी अभियान की शुरुआत, शिवराज सिंह बोले- भारत बनेगा विश्व की फूड बॉस्केट

राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन 2025 : “एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम” थीम के साथ रबी अभियान का आगाज़

नई दिल्ली, – भारत की कृषि व्यवस्था को नई दिशा देने और रबी फसलों की तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने  पूसा, नई दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस सम्मेलन का मुख्य विषय “एक राष्ट्र–एक कृषि–एक टीम” रखा गया है।

यह सम्मेलन पहली बार केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर दो दिन के प्रारूप में आयोजित किया गया है। इसमें देशभर से वरिष्ठ कृषि अधिकारी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिक, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, कृषि विशेषज्ञ, किसान संगठनों के सदस्य और अन्य हितधारक भाग ले रहे हैं। सम्मेलन का उद्देश्य है – रबी 2025 के पैदावार लक्ष्यों और रणनीतियों पर समग्र चर्चा करना और कृषि क्षेत्र में समन्वित प्रयासों को आगे बढ़ाना।

शिवराज सिंह चौहान का संदेश – “भारत बनेगा विश्व की फूड बॉस्केट”

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि भारत कृषि क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छू रहा है।
उन्होंने कहा –

हम देश में खाद्यान्न, फल और सब्जियों की कमी नहीं होने देंगे। किसानों और वैज्ञानिकों की मेहनत तथा सरकार की नीतियों के कारण भारत आज 3.7% की कृषि वृद्धि दर के साथ दुनिया में सबसे आगे है। हमारा लक्ष्य भारत को विश्व की फूड बॉस्केट बनाना है।

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य और केंद्र सरकारें किसानों के हितों के लिए एकजुट होकर काम कर रही हैं। उन्होंने इसे देश के लिए सौभाग्य बताया कि सरकार को कृषि परिदृश्य बदलने का अवसर मिला है।

नकली खाद-बीज और कीटनाशकों पर सख्ती

चौहान ने नकली खाद, बीज और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि केवल वही बायोस्टिमुलेंट (जैव उत्तेजक) बाज़ार में बिक सकेंगे, जो सभी मानकों पर खरे उतरेंगे।

“हम किसानों का शोषण नहीं होने देंगे। गुणवत्ताहीन कृषि सामग्री बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।”

किसानों की सुरक्षा और योजनाओं पर फोकस

मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अधिकतम लाभ दिलवाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए किसानों के लिए बीमा कराना बेहद जरूरी है।
उन्होंने यह भी बताया कि अक्टूबर से विकसित कृषि संकल्प अभियान राज्यों और केंद्र के सहयोग से फिर से शुरू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भविष्य का कृषि अनुसंधान केवल पेपर पब्लिकेशन तक सीमित न रहकर किसानों की वास्तविक समस्याओं का समाधान करेगा।

अधिकारियों और वैज्ञानिकों को संदेश

केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने काम में वैल्यू एडिशन करें।

“हमें केवल किसान और खेती से मतलब है, जिसके लिए हम जी-जान से काम करेंगे। हम साधारण लोग नहीं हैं, बल्कि देश की आधी आबादी के भाग्य निर्माता हैं।”

उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत कार्य करने और कृषि प्रसार को मजबूत करने पर भी जोर दिया।

विशेषज्ञों की मौजूदगी और चर्चा

सम्मेलन में केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी, ICAR महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट, राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीना सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहे।

अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि इस सम्मेलन के अंतर्गत 6 समानांतर ब्रेकआउट सेशन आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें फसल उत्पादन रणनीति, तकनीकी हस्तांतरण, जलवायु परिवर्तन से निपटने की योजनाएँ, किसानों को नई तकनीक से जोड़ना, कृषि बीमा और बाजार सुधार जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श होगा।

सम्मेलन से उम्मीदें

इस राष्ट्रीय सम्मेलन से कृषि नीति निर्धारकों, वैज्ञानिकों और राज्यों के प्रतिनिधियों को साझा मंच मिलेगा, जहाँ वे रबी 2025 के उत्पादन लक्ष्य, संसाधनों के बेहतर उपयोग और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए समन्वित रणनीति बना सकेंगे।

यह सम्मेलन केवल रबी अभियान की तैयारी तक सीमित नहीं, बल्कि भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से सक्षम और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।

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