श्री विजयपुरम में ‘पशुधन प्रजनन प्रबंधन’ पर ग्रीष्मकालीन स्कूल का उद्घाटन
श्री विजयपुरम स्थित आईसीएआर-केंद्रीय द्वीप कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-सीआईएआरआई) में ‘आसन्न जलवायु परिवर्तन के तहत पशुधन प्रजनन प्रबंधन’ विषय पर 21 दिवसीय ग्रीष्मकालीन स्कूल का शुभारंभ हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 4 मार्च 2025 तक चलेगा और इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा प्रायोजित किया गया है।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और महत्व
इस ग्रीष्मकालीन स्कूल का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को बहु-विषयक दृष्टिकोण से लैस करना है, ताकि वे उन्नत जैव प्रौद्योगिकी तकनीकों के माध्यम से पशुधन प्रजनन प्रबंधन रणनीतियों को विकसित और एकीकृत कर सकें। इस पहल का मकसद जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करते हुए पशुधन प्रजनन को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम का उद्घाटन और प्रमुख वक्तव्य
कार्यक्रम का उद्घाटन आईसीएआर-सीआईएआरआई के निदेशक डॉ. एकनाथ बी. चाकुरकर ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में जलवायु परिवर्तन के पशुधन उत्पादन पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण प्रभाव पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह जैसे संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्रों में। उन्होंने यह भी बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण पशुधन उत्पादन प्रणाली में प्रजनन पैरामीटर सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
प्रशिक्षण के प्रमुख बिंदु
✔ जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।
✔ पशुधन प्रजनन प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए नवीन तकनीकों और व्यावहारिक समाधानों का अध्ययन करेंगे।
✔ पशुधन प्रजनन में उपयोग किए जाने वाले जैव प्रौद्योगिकी उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
प्रतिभागियों की भागीदारी और समन्वय
इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से कुल 20 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय आईसीएआर-सीआईएआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पी. पेरुमल और डॉ. आर.आर. एलीथोडी ने किया।
यह पहल पशुधन उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाने में मददगार साबित होगी, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करते हुए पशुधन क्षेत्र को अधिक लचीला और कुशल बनाया जा सकेगा।
(स्रोत: आईसीएआर-केंद्रीय द्वीप कृषि अनुसंधान संस्थान, श्री विजयपुरम)