मध्यप्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में नई क्रांति: प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में अभूतपूर्व पहल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अथक प्रयासों से वर्ष 2024 में मध्यप्रदेश ने सिंचाई के क्षेत्र में नई उपलब्धियों का इतिहास रचा। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई के “नदी जोड़ो” के स्वप्न को साकार करते हुए दो बड़ी बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ।
17 दिसंबर 2024 को जयपुर में प्रधानमंत्री श्री मोदी की उपस्थिति में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच समझौता हस्ताक्षरित हुआ। इसके अलावा, 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने खजुराहो, छतरपुर में केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास किया। यह परियोजना देश की पहली भूमिगत दाबयुक्त पाइप सिंचाई प्रणाली आधारित सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है।
सिंचाई रकबे में ऐतिहासिक वृद्धि
2003 में जहां प्रदेश का सिंचाई रकबा मात्र 3 लाख हेक्टेयर था, वह अब बढ़कर लगभग 50 लाख हेक्टेयर हो चुका है। सरकार का लक्ष्य इसे 2028-29 तक 1 करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का है। वर्ष 2024-25 के बजट में सिंचाई परियोजनाओं के लिए 13,596 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना के लाभ
इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों में 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी, जिससे 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। यह परियोजना उत्तर प्रदेश में भी 59,000 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र विकसित करेगी। परियोजना से 44 लाख लोगों को पेयजल और जल विद्युत उत्पादन के माध्यम से 103 मेगावाट हरित ऊर्जा मिलेगी।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का महत्व
मालवा और चंबल क्षेत्र में 6.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के साथ 40 लाख लोगों को पेयजल मिलेगा। 72,000 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना का 90% खर्च केंद्र सरकार और 10% राज्यों द्वारा साझा किया जाएगा। परियोजना के तहत 21 बांध और बैराज का निर्माण किया जाएगा, जो 13 जिलों में जल प्रबंधन और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देंगे।
सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएं
“पर ड्रॉप मोर क्रॉप” के उद्देश्य से 133 प्रेशराइज्ड सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली आधारित परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इनमें 1320 करोड़ रुपए की लागत से चितरंगी दाबयुक्त सिंचाई परियोजना, जो सिंगरौली जिले में 32,125 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा प्रदान करेगी, और 4197 करोड़ रुपए की लागत से जावद-नीमच परियोजना शामिल है, जो नीमच जिले में 18,600 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा विकसित करेगी।
आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में कदम
इन परियोजनाओं से किसानों की आय बढ़ेगी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और हरित ऊर्जा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसानों को भरपूर सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा, जिससे उनकी उपज दोगुनी होगी।
इन परियोजनाओं ने प्रदेश को सिंचाई और जल प्रबंधन के क्षेत्र में नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है, जो आने वाले समय में सामाजिक और आर्थिक विकास का आधार बनेंगी