पूसा संस्थान में नज़र आया उन्नत खेती का भविष्य

पूसा संस्थान में कृषि मंत्री का दौरा: नई तकनीकों और उन्नत फसलों का अवलोकन

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली, जो कृषि अनुसंधान, शिक्षा, और प्रसार के क्षेत्र में प्रतिष्ठित है। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने संस्थान के कृषि फार्म का भ्रमण किया और वहां चल रहे अनुसंधान एवं नवीनतम कृषि तकनीकों का अवलोकन किया।

संस्थान का परिचय और अनुसंधान की जानकारी
संस्थान के निदेशक डॉ. सीएच. श्रीनिवास राव ने कृषि मंत्री का स्वागत करते हुए संस्थान के प्रमुख अनुसंधान कार्यों और उनकी उपलब्धियों पर जानकारी दी। संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डॉ. सी. विश्वनाथन ने चल रही उन्नत अनुसंधान परियोजनाओं और नई किस्मों के विकास के बारे में विस्तार से बताया।

सब्जी अनुसंधान केंद्र का अवलोकन
डॉ. बी.एस. तोमर, अध्यक्ष, शाकीय विज्ञान संभाग, ने कृषि मंत्री को पूसा लाल गोभी संकर-1, पूसा गोभी संकर-81, गोल्डेन एकड़, पूसा स्नौबौल एच-1, गांठ गोभी, पूसा साग-1, और पूसा भारती जैसी उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही, उन्होंने एक जीवंत फसल प्रदर्शनी भी दिखाई।

फल एवं बागवानी प्रौद्योगिकी का निरीक्षण
फल और बागवानी प्रौद्योगिकी संभाग के प्राध्यापक डॉ. आर.एम. शर्मा ने उन्नत नींबू वर्गीय फलों जैसे पूसा शरद और पूसा राउंड की जानकारी साझा की।

मंत्री ने किन्नू, संतरा, और मौसम्बी के बागों का भ्रमण किया और पोषण सुरक्षा के लिए गोभी में चल रहे प्रजनन कार्यक्रम का भी अवलोकन किया।

चने की लाभप्रद खेती पर विशेष ध्यान
उत्तर प्रदेश में चने की उन्नत खेती के लिए मंत्री ने पूसा मानव और पूसा पार्वती जैसी नई किस्मों की जानकारी प्राप्त की और उनके प्रदर्शन को देखा।

कृषि मंत्री की सराहना और सुझाव
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने संस्थान के अनुसंधान कार्यों की सराहना की और भारतीय किसानों के लिए खेती को और अधिक लाभप्रद बनाने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव साझा किए।

यह दौरा कृषि अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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