यूपी का गन्ना उद्योग नई रफ्तार पर!

📰 उत्तर प्रदेश में गन्ना उद्योग को नई उड़ान: मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने लोक भवन में प्रेस वार्ता में रखी सरकार की उपलब्धियाँ

लखनऊ, – उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने आज लोक भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों और चीनी उद्योग के पुनरुत्थान हेतु किए गए ऐतिहासिक कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश का गन्ना उद्योग आज नए स्वर्णिम दौर में प्रवेश कर रहा है।

🔹 पुरानी सरकारों की लापरवाही से चीनी उद्योग को नुकसान

मंत्री चौधरी ने कहा कि पिछली सरकारों के समय गन्ना उद्योग को भारी क्षति पहुँची थी। निगम क्षेत्र की लगभग 21 चीनी मिलें औने-पौने दामों में बेची गईं, जिनमें लाभ अर्जित करने वाली मिलें भी शामिल थीं। निजी क्षेत्र की मिलें भी भ्रष्टाचार और भय के कारण बंद हो गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ।

🔹 निवेश और नई मिलों से उद्योग को मिली मजबूती

गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी

वर्तमान सरकार के पारदर्शी संचालन से 12,000 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। इसके फलस्वरूप 4 नई चीनी मिलें स्थापित हुईं और 6 बंद मिलों को पुनः संचालित कराया गया है। साथ ही, 42 मिलों की क्षमता विस्तार किया गया जो 8 नई मिलों के बराबर है। दो मिलों में सीबीजी संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं।

🔹 गन्ना प्रबंधन में पारदर्शिता: ‘स्मार्ट गन्ना किसान’ पोर्टल से बदलाव

राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार समाप्त करते हुए गन्ना पर्ची, क्षेत्रफल, सट्टा और कैलेंडरिंग की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी बना दी है। ‘स्मार्ट गन्ना किसान’ पोर्टल के माध्यम से पर्चियों का निर्गमन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश इस मॉडल को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है, जिसे केंद्र सरकार ने अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बताया है।

🔹 एथेनॉल उत्पादन में यूपी देश में नंबर-1

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2017 में 61 एथेनॉल आसवनियां थीं, जो 2025 में बढ़कर 97 हो गई हैं। एथेनॉल उत्पादन 41.28 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर हो चुका है। राज्य की प्रभावी नीति से 4 नई आसवनियों के प्रस्ताव पाइपलाइन में हैं।

🔹 गन्ना क्षेत्रफल में रिकॉर्ड वृद्धि

राज्य में गन्ना क्षेत्रफल 2016-17 में 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है, यानी 9 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। गन्ना क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

🔹 सहकारी मिलों में 1,700 करोड़ का निवेश

विगत सरकारों की तुलना में सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की मिलों में भी 1,700 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। वर्तमान में राज्य की 122 चीनी मिलें संचालित हैं, जिससे उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है।

🔹 किसानों को रिकॉर्ड भुगतान

राज्य सरकार ने गन्ना मूल्य का अब तक का रिकॉर्ड भुगतान कराया है।

  • वर्ष 2007–2017 के बीच ₹1,47,346 करोड़ का भुगतान हुआ।

  • जबकि 2017 से अब तक ₹2,90,225 करोड़ का भुगतान किया गया — यानी ₹1,42,879 करोड़ अधिक।

🔹 गन्ना मूल्य दरों में निरंतर वृद्धि

सरकार ने किसानों के हित में लगातार गन्ना मूल्य दरों में बढ़ोतरी की है —

पेराई सत्र वृद्धि (₹/क्विंटल)
2017–18 ₹10
2021–22 ₹25
2023–24 ₹20
2025–26 (प्रस्तावित) ₹30

नई दरें होंगी —

  • अगेती प्रजाति: ₹400 प्रति क्विंटल, सामान्य प्रजाति: ₹390 प्रति क्विंटल..इस वृद्धि से किसानों को ₹3,000 करोड़ का अतिरिक्त लाभ होगा।

🌾 मंत्री का संदेश

मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना किसानों की आय दोगुनी करने और चीनी उद्योग को आधुनिक तकनीक से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। “हमारा लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश के हर किसान को उसका गन्ना मूल्य समय पर मिले और हर मिल लाभप्रद रूप से संचालित हो,”

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