ग्रेन्स वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस 2024: वैश्विक अनाज क्षेत्र में सहयोग और सशक्तिकरण ज़ोर
ग्रेन्सवर्ल्ड कॉन्फ्रेंस 2024 का शुभारंभ नई दिल्ली में एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हुआ, जहां सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर वैश्विक अनाज क्षेत्र में सहयोग और उम्मीद का प्रतीक प्रस्तुत किया। इस प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में विभिन्न देशों और संगठनों के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि एकत्रित हुए।
सम्मेलन का उद्घाटन विश्व स्तर के नेताओं के एक सम्मानित पैनल द्वारा किया गया। इसमें महामहिम मारियानो अगस्टिन कॉसिनो (अर्जेंटीना के राजदूत), श्री मार्सेलो शुन डिनिज़ जुनक्वेरा (उपाध्यक्ष, एसआरबी), श्री पाशा पटेल (महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व सदस्य), सुश्री एरियाना गुएडेसडे ओलिवेरा (माटो ग्रोसो, ब्राज़ील की विदेश मामलों की सलाहकार), श्री दीपक पारीक (संयोजक, जीजीपीसी), और श्री अश्विनी बख्शी (सीईओ, आईसीएफए) शामिल थे।
इन नेताओं ने जलवायु परिवर्तन, भू-राजनीतिक अस्थिरता और बाजार चुनौतियों के बीच एक मजबूत और लचीला कृषि तंत्र विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहन देने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्राथमिकता को रेखांकित किया।
पहले दिन की प्रमुख गतिविधियाँ
पहले दिन सम्मेलन में वैश्विक कृषि चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा के लिए कई पैनल सत्र और नेटवर्किंग अवसर आयोजित किए गए। विशेषज्ञों ने कृषि और अनाज बाजार पर प्रभाव डालने वाले मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें शामिल थे:
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पूर्व सचिव श्री सिराज हुसैन और एक्रस पॉलिसी रिसर्च की सुश्री श्वेता सैनी ने वैश्विक खाद्य सहायता कार्यक्रमों और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में अधिशेष देशों की भूमिका के बारे में भी जानकारी साझा की। दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के श्री अरविंद बेतिगेरी ने सफल खाद्य सहायता प्रयासों पर प्रकाश डाला।
- मूल्य अस्थिरता का प्रबंधन – सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता।
- आधुनिक तकनीकों का उपयोग – डेटा अंतराल दूर करने के लिए रिमोट सेंसिंग और एआई की भूमिका।
- लॉजिस्टिक्स और मुद्रा मूल्यह्रास – बाजार की स्थिरता पर प्रभाव।
पैनलिस्टों ने छोटे जोत वाले किसानों की चुनौतियों और बढ़ती पैदावार के बीच भूमि उपयोग को संतुलित करने पर भी जोर दिया। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक खाद्य सहायता और अधिशेष देशों की भूमिका पर भी चर्चा की गई।
भारत की कृषि उपलब्धियाँ और भविष्य की राह
विशेषज्ञों ने कृषि उत्पादन में भारत की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए वैश्विक व्यापार भागीदारी को मजबूत करने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला। श्री अर्नोद पेटिट (अंतरराष्ट्रीय अनाज परिषद) और डॉ. आजम पाशा (मालेक्सी) ने भारत की वैश्विक स्थिति और निर्यात केंद्रों के लिए बेहतर लॉजिस्टिक्स तथा वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र पर विचार साझा किए।
डिजिटल तकनीक और कृषि
सम्मेलन में कृषि में डिजिटल तकनीक, जैसे एआई, ड्रोन और रिमोट सेंसिंग के उपयोग पर भी चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे ये तकनीकें किसानों को उत्पादन बढ़ाने, आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं को हल करने और बेहतर निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं।
पुरस्कार समारोह
दिन का समापन एक प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह के साथ हुआ, जिसमें कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया गया। पुरस्कार पाने वालों ने नवाचार, नेतृत्व, और टिकाऊ कृषि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।
ग्रेन्सवर्ल्ड कॉन्फ्रेंस 2024 ने न केवल कृषि क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों पर चर्चा की, बल्कि एक अधिक समृद्ध, टिकाऊ और सहयोगात्मक भविष्य की नींव भी रखी।