3 अक्टूबर से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’
केंद्रीय कृषि मंत्री की राज्यों के कृषि मंत्रियों संग अहम बैठक, रबी फसल व प्राकृतिक खेती मिशन पर बनी रणनीति
नई दिल्ली, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में नई दिल्ली में राज्यों के कृषि मंत्रियों, सचिवों, वैज्ञानिकों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में खाद-यूरिया उपलब्धता, बायोस्टिमुलेंट प्रमाणिकता, ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’, राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन, दलहन-तिलहन उत्पादन, बाढ़-आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फसल बीमा, और अगले पाँच साल की कृषि कार्य योजना जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
3 अक्टूबर से होगा “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का आगाज़
चौहान ने बताया कि रबी फसल के लिए “विकसित कृषि संकल्प अभियान” की तैयारी हेतु दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस 15-16 सितंबर को नई दिल्ली में होगी। इस अभियान की औपचारिक शुरुआत 3 अक्टूबर को “विजय पर्व” के अवसर पर होगी और 18 अक्टूबर धनतेरस तक चलेगी। उन्होंने राज्यों को गंभीर तैयारी करने और वरिष्ठ अधिकारियों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
23 अगस्त को पीएम लॉन्च करेंगे प्राकृतिक खेती मिशन
बैठक में 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूसा, नई दिल्ली से “राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन” लॉन्च करने की तैयारियों पर भी विचार-विमर्श हुआ। चौहान ने राज्यों से मिशन के लक्ष्यों को समयबद्ध पूरा करने और दलहन-तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए ठोस रणनीति अपनाने को कहा।
यूरिया उपलब्धता और दुरुपयोग पर सख्त निर्देश
बैठक में कई राज्यों ने अतिरिक्त यूरिया की मांग रखी। इस पर चौहान ने कहा कि यदि यह मांग खेती की जरूरत के लिए है तो उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, लेकिन गैर-कृषि कार्यों में दुरुपयोग की स्थिति में सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने राज्यों को निगरानी समितियां बनाकर यूरिया के सही उपयोग पर नजर रखने के निर्देश दिए।
नकली खाद और बायोस्टिमुलेंट पर रोक
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में पहले 30 हजार से अधिक बायोस्टिमुलेंट बिकते थे, जिनमें से अधिकांश अप्रमाणित थे। अब तक केवल 600 बायोस्टिमुलेंट ही प्रमाणित पाए गए हैं और इन्हीं को किसानों तक पहुँचाने की अनुमति होगी। उन्होंने नकली खाद और जबरन दवाइयाँ बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
फसल बीमा में पारदर्शिता और समयबद्ध भुगतान
चौहान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान से बीमा राशि सीधे किसानों के खातों में पहुँच रही है। यदि भुगतान में देरी होती है तो किसानों को अतिरिक्त 12% ब्याज दिया जाएगा।
कृषि क्षेत्र के हित सर्वोपरि
अंत में, चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री के स्वदेशी अभियान के अनुरूप कृषि क्षेत्र और किसानों के हितों के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। सरकार किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।