राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL): 2 साल में 5,400 करोड़ रुपये का निर्यात, 11,000 से अधिक सहकारी संस्थाएँ जुड़ीं
नई दिल्ली। भारत सरकार की पहल पर गठित नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) देश के सहकारी उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है। मात्र दो वर्षों में इस संस्था ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कर यह साबित कर दिया है कि सहकारिता मॉडल अब वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी बन सकता है।
NCEL की स्थापना और संरचना
NCEL को भारत की पांच प्रमुख सहकारी संस्थाओं –
- गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फ़ेडरेशन (GCMMF–अमूल)
- कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड (KRIBHCO)
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इंडियन फ़ार्मर्स फ़र्टिलाइज़र को-ऑपरेटिव लिमिटेड (IFFCO)
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नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (NAFED)
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नेशनल को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC)
द्वारा प्रमोट किया गया। इसकी प्रारंभिक चुकता पूंजी 500 करोड़ रुपये है, जिसमें पांचों संस्थाओं का योगदान 100-100 करोड़ रुपये का है। वहीं, अधिकृत पूंजी 2,000 करोड़ रुपये तय की गई है।
लक्ष्य और कार्यक्षेत्र
NCEL का मुख्य उद्देश्य सहकारी उत्पादों को Global Market से जोड़ना और किसानों व सहकारी सदस्यों को बेहतर मूल्य उपलब्ध कराना है। संस्था निर्यात से जुड़े सभी कार्य करती है –
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ख़रीद, भंडारण, प्रसंस्करण, पैकेजिंग और ब्रांडिंग
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प्रमाणन और विपणन
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वित्तीय सहयोग और तकनीकी मार्गदर्शन
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कौशल विकास और बाज़ार अनुसंधान
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सरकारी योजनाओं से लिंक
इस पहल से “सहकार से समृद्धि” के विज़न को मज़बूती मिल रही है और “मेक इन इंडिया” अभियान को बल मिल रहा है।
सदस्यता और विस्तार
अगस्त 2025 तक 11,034 सहकारी संस्थाएं NCEL से जुड़ चुकी हैं। इनमें प्रमुख रूप से –
| प्रकार | संख्या |
|---|---|
| प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS) एवं अन्य प्राथमिक सहकारी संस्थाएँ | 10,793 |
| तहसील/ज़िला स्तर की सहकारी समितियाँ | 216 |
| बहु-राज्य सहकारी समितियाँ | 10 |
| राज्य स्तरीय सहकारी समितियाँ | 10 |
| प्रमोटर सहकारी संगठन | 5 |
निर्यात उपलब्धियां
NCEL ने अगस्त 2025 तक 13.49 लाख मीट्रिक टन (LMT) कृषि उत्पादों का निर्यात किया, जिसकी कुल क़ीमत 5,403.01 करोड़ रुपये रही।
| वर्ष | मात्रा (LMT) | मूल्य (करोड़ रुपये) |
|---|---|---|
| 2023-24 | 2.66 | 1,113.13 |
| 2024-25 | 10.83 | 4,283.56 |
| 2025 (अगस्त तक) | 0.00798 | 6.32 |
| कुल | 13.49 | 5,403.01 |
वित्तीय प्रदर्शन
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वर्ष 2024-25 में NCEL का टर्नओवर 4,283 करोड़ रुपये रहा और शुद्ध लाभ 122 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
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वर्ष 2023-24 में सहकारी सदस्यों को 20% लाभांश भी दिया गया।
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यह प्रदर्शन साबित करता है कि सहकारी आंदोलन वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी हो सकता है।
रणनीतियां और पहल
NCEL ने अपनी पहुँच बढ़ाने के लिए कई पहलें की हैं:
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61 अंतरराष्ट्रीय आयातकों (सेनेगल, इंडोनेशिया, नेपाल) से एमओयू पर हस्ताक्षर।
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राज्य नोडल एजेंसियों से करार और PACS से जुड़ाव के लिए व्यवसायिक योजनाएँ।
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मध्यप्रदेश में जुलाई 2025 से कमोडिटी सेमिनार सीरीज़ की शुरुआत।
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डिजिटल मार्केटिंग, ब्रांडिंग और सोशल मीडिया कैंपेन पर ज़ोर।
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बहुभाषी डिजिटल न्यूज़लेटर (10 भाषाओं में) और नुक्कड़ नाटक के ज़रिए जागरूकता अभियान।
भविष्य की दिशा
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने NCEL को और नए अवसर तलाशने की सलाह दी है। इसमें –
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सहकारी चीनी मिलों से चीनी निर्यात
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त्रिपुरा का सुगंधित चावल
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ऑर्गेनिक कॉटन और मोटा अनाज
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खाड़ी देशों को सब्ज़ियों और आलू की विशेष किस्मों का निर्यात
शाह ने NCEL के लिए ₹2 लाख करोड़ निर्यात लक्ष्य तय किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी सहकारी संस्थाओं का निर्यात NCEL के माध्यम से हो ताकि ₹20-30 हज़ार करोड़ का टर्नओवर और मज़बूत लाभ सुनिश्चित किया जा सके।
इसके लिए अफ्रीका और म्यांमार में दफ़्तर खोलने, दालों के आयात-निर्यात पर ध्यान देने और वैश्विक मांग-सप्लाई की जानकारी देने के लिए विशेष पोर्टल विकसित करने की योजना है।
सारांश
NCEL ने केवल दो वर्षों में ही सहकारी आंदोलन की ताक़त को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है। मज़बूत सदस्यता, हज़ारों करोड़ का निर्यात और लाभांश वितरण इसकी सफलता की गवाही देते हैं। आने वाले वर्षों में, उत्पादों के विविधीकरण और वैश्विक साझेदारियों के ज़रिए NCEL न केवल सहकारी संस्थाओं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊँचाइयों तक पहुंचाएगा।