ISSGPU 2025: बकरी और भेड़ पालन में नई क्रांति!
मथुरा, 6 मार्च – केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में तीन दिवसीय बकरी एवं भेड़ उत्पादन और उपयोग भारतीय सोसाइटी (ISSGPU) की अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का भव्य शुभारंभ हुआ। यह महत्वपूर्ण आयोजन केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, राजस्थान के सहयोग से किया गया।
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य छोटे जुगाली पशुओं, विशेष रूप से बकरी और भेड़ पालन के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान, जीनोमिक नवाचारों और उन्नत खेती तकनीकों पर चर्चा करना है। विशेषज्ञों ने सटीक खेती, पशु पोषण, स्वास्थ्य प्रबंधन, उत्पादकता वृद्धि और सतत विकास जैसे विषयों पर अपने विचार रखे।
नवाचार और सतत कृषि पर ज़ोर
मुख्य अतिथि डॉ. राघवेन्द्र भट्टा ने अपने संबोधन में छोटे जुगाली पशुओं के उत्पादन में नवाचारों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए सटीक खेती तकनीकों को अपनाने की वकालत की, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके और सतत कृषि को बढ़ावा मिले।
विशिष्ट अतिथि डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार गौर ने बकरी एवं भेड़ पालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक बताते हुए अनुसंधान और तकनीकी विकास को इसकी प्रगति के लिए आवश्यक करार दिया। उन्होंने किसानों और शोधकर्ताओं के बीच समन्वय स्थापित कर वैज्ञानिक तकनीकों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने की बात कही।
वैज्ञानिकों ने साझा किए अपने विचार
डॉ. ए. के. तौमर, निदेशक, केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर ने बकरी एवं भेड़ के प्रबंधन, प्रजनन और पोषण से जुड़ी विभिन्न तकनीकों पर चर्चा की और इस क्षेत्र में अनुसंधान को और अधिक प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता जताई।
अन्य विशेषज्ञों, डॉ. ए.के. गहलोग और डॉ. के.एम.एल. पाठक, ने आधुनिक बकरी एवं भेड़ पालन में हो रहे तकनीकी बदलावों को किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
कांफ्रेंस के महत्व पर प्रकाश
संस्थान के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेटली ने सभी अतिथियों, वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और किसानों का स्वागत किया और इस तीन दिवसीय सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य छोटे जुगाली पशुओं के उत्पादन में नवीनतम तकनीकों और नवाचारों को बढ़ावा देना है, जिससे पशुपालकों को अधिकतम लाभ मिल सके।
किसानों और वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट योगदान को सराहना
इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) से जुड़े विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक, शोधार्थी, बकरी एवं भेड़ पालन से जुड़े किसान और उद्योग जगत के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सम्मेलन में उन्नत व आधुनिक बकरी पालन की तकनीकों, जीनोमिक नवाचारों और सतत विकास को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ, जिससे पशुपालकों और वैज्ञानिकों को नए दृष्टिकोण मिले।
कार्यक्रम के अंत में किसानों और वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट योगदान को सराहा गया और भविष्य में इस क्षेत्र में अधिक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने पर सहमति बनी।