किसानों की मेहनत रंग लाई, कृषि उत्पादन में चमका बिहार!

खुशहाल किसान, समृद्ध बिहार – रोड मैप से मिली नई पहचान

किसानों की हितैषी नीतियों से बिहार बना कृषि उत्पादन में अग्रणी

पटना। बिहार सरकार की किसान नीतियों और कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन से राज्य में खाद्यान्न उत्पादन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कृषि विभाग के अनुसार धान, मक्का और गेहूं के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे राज्य आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, धान का उत्पादन 26.25 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 95.23 लाख मीट्रिक टन हो गया।

मक्का का उत्पादन 14.91 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 58.65 लाख मीट्रिक टन हुआ।

वहीं गेहूं का उत्पादन 32.79 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 73.07 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचा।

फलों जैसे – आम, लीची, आलू, गोभी, बैंगन और टमाटर की उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आज बिहार लीची, मखाना, मशरूम और शहद उत्पादन में नंबर-1, वहीं फल उत्पादन में नंबर-2 और आम उत्पादन में नंबर-3 स्थान पर है।

राज्य सरकार ने वर्ष 2008 से ही लगातार कृषि रोड मैप लागू कर कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में विकास की दिशा में योजनाबद्ध कार्य किया है। वर्तमान में चतुर्थ कृषि रोड मैप (2023-28) लागू है, जिसके तहत दलहन, तिलहन, मत्स्य पालन, मशरूम और सब्ज़ी उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में भी रिकॉर्ड उपलब्धिमांस उत्पादन 1.76 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 4.04 लाख मीट्रिक टन

दूध उत्पादन 79 लाख टन से बढ़कर 121 लाख टन

अंडा उत्पादन 268 करोड़ से बढ़कर 956 करोड़

मछली उत्पादन 47.43 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 128.52 लाख मीट्रिक टन

कृषि अनुसंधान और विकास के लिए राज्य सरकार ने कई प्रमुख विश्वविद्यालयों व संस्थानों के साथ समझौते किए हैं, जिनमें राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, कृषि विज्ञान केंद्र, और कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थान शामिल हैं।

बिहार सरकार की इन पहलों से किसानों की आय में वृद्धि हुई है और राज्य कृषि उत्पादन के क्षेत्र में देशभर में मिसाल पेश कर रहा है।

Leave a Comment