आत्मनिर्भर भारत का आधार बनेगी गुणवत्तापूर्ण कृषि शिक्षा!

कृषि शिक्षा में सुधार के लिए शिवराज सिंह चौहान का बड़ा ऐलान — सभी खाली पद जल्द होंगे भरे

दिल्ली में राष्ट्रीय कृषि छात्र सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहभागिता
कृषि शिक्षा की गुणवत्ता सुधार और खाली पदों की शीघ्र भर्ती के दिए निर्देश

नई दिल्ली, – राजधानी दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में आज राष्ट्रीय कृषि छात्र सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों के हजारों छात्र-छात्राएं प्रत्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से जुड़े। सम्मेलन में कृषि वैज्ञानिकों, शिक्षकों, और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री  भागीरथ चौधरी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

कृषि शिक्षा को मजबूत बनाने पर जोर

अपने संबोधन में मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि शिक्षा की गुणवत्ता को देश के कृषि विकास की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा से जुड़े सभी खाली पद जल्द भरे जाएंगे। किसी भी कीमत पर कृषि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने ICAR के महानिदेशक को सभी रिक्त पदों की भर्ती शीघ्र करने के निर्देश दिए और कहा कि वे इस विषय में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखेंगे, ताकि राज्य विश्वविद्यालयों में भी खाली पद जल्द भरे जा सकें।

विद्यार्थियों से संवाद और सुझावों पर जोर

चौहान ने कहा कि कृषि के छात्र देश की नई ऊर्जा हैं और उनका योगदान कृषि के भविष्य को दिशा देगा। उन्होंने ICAR को निर्देश दिया कि कृषि विद्यार्थियों की एक टीम बनाई जाए, जो शिक्षा में मौजूद कमियों को दूर करने के लिए रचनात्मक सुझाव दे सके।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में नई शिक्षा नीति के तहत कृषि क्षेत्र में भी गुणवत्तापूर्ण और व्यवहारिक शिक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है।

प्रतिस्पर्धा और नवाचार की दिशा में कदम

केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि कृषि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की ग्रेडिंग प्रणाली लागू की जाए, जिससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिले।
उन्होंने ICAR से कहा कि विश्वभर में हो रहे बेहतर प्रयोगों और अनुसंधानों का अध्ययन कर भारत में भी उन्हें लागू करने के उपाय किए जाएं।

कृषि और गांव के विकास से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खेती और गांव को मिलकर विकसित करेंगे तो पलायन रुकेगा, यही सच्ची देशसेवा होगी।
उन्होंने कृषि विद्यार्थियों से कहा कि वे साल में कम से कम एक बार किसानों के खेतों पर जाकर प्रायोगिक ज्ञान (practical exposure) प्राप्त करें, किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझें और समाधान सुझाएं।
उन्होंने कहा कि कृषि के छात्र साधारण जीवन नहीं, उद्देश्यपूर्ण जीवन जिएं — वही जीवन सार्थक है जो दूसरों को जीवन दे।”

छात्रों का उत्साह और सहभागिता

ICAR और IARI द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में छात्रों ने कृषि शिक्षा, अनुसंधान और रोजगार से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। कई विद्यार्थियों ने केंद्रीय मंत्री से सीधे संवाद कर अपने सुझाव और समस्याएं रखीं।
चौहान ने सभी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।

🟢 मुख्य बिंदु एक नज़र में

  • केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मेलन में की सहभागिता

  • ICAR को सभी खाली पद शीघ्र भरने के निर्देश

  • राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजने की घोषणा

  • कृषि विद्यार्थियों से संवाद और सुझाव लेने की पहल

  • कृषि विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग प्रणाली की वकालत

  • कृषि शिक्षा में गुणवत्ता, नवाचार और व्यवहारिक प्रशिक्षण पर जोर

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