🌾 मध्यप्रदेश में कृषि विकास को नई रफ्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार कृषि विकास और किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सरकार किसानों के सुख-दुख में साथ खड़ी है और कृषि उत्पादकता में नवाचार कर रही है।
राज्य ने कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय कीर्तिमान स्थापित किए हैं — दाल पैदावार में देश में प्रथम, खाद्यान उत्पादन में द्वितीय, और तिलहन उपज में तृतीय स्थान प्राप्त किया है। साथ ही, त्रि-फसली क्षेत्र में भी तेजी से वृद्धि दर्ज हुई है।
💰 किसानों के सम्मान के साथ प्रोत्साहन भी
रबी 2024–25 में उपार्जित गेहूँ पर राज्य सरकार ने ₹175 प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि प्रदान की।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत फरवरी 2025 में लगभग 83.50 लाख किसानों को ₹1770 करोड़ सिंगल क्लिक से हस्तांतरित किए गए।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 81 लाख किसानों को ₹1624 करोड़ की राशि सीधे खातों में भेजी गई।
🌱 पहली बार समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी
प्रदेश में पहली बार भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के अंतर्गत सोयाबीन का उपार्जन किया गया।
कुल 2.12 लाख किसानों से 6.22 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीदी की गई, जिसका मूल्य ₹3043 करोड़ रहा।
इसके साथ ही रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की गई, जिसके तहत किसानों को ₹3900 प्रति हेक्टेयर डीबीटी के माध्यम से दिया जा रहा है।
🛰️ ड्रोन से खेती में नवाचार – ‘नमो ड्रोन दीदी’ से सशक्त हो रहीं महिलाएं
‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ के तहत 89 दीदियों को स्वावलंबी बनाया गया है। उन्होंने 4200 हेक्टेयर क्षेत्र में तरल उर्वरक का छिड़काव कर ₹21.22 लाख की शुद्ध आय अर्जित की।
वर्ष 2025–26 में इस योजना से 1066 दीदियों को लाभान्वित किया जा रहा है।
🚜 नरवाई प्रबंधन के लिए 412 करोड़ का अनुदान
फसल अवशेष (पराली) जलाने से रोकने हेतु राज्य सरकार ने 46,800 से अधिक कृषि यंत्रों पर ₹412 करोड़ का अनुदान जारी किया।
साथ ही, कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से ड्रोन पायलट और तकनीशियन प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
अब तक 412 युवाओं को ड्रोन पायलट और 33 प्रशिक्षार्थियों को तकनीशियन प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
🏗️ 4730 कस्टम हायरिंग केन्द्रों से किसान हो रहे लाभान्वित
कृषि यंत्र सस्ते दर पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में अब तक 4730 कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं।
प्रत्येक परियोजना पर ₹25 लाख तक के प्रोजेक्ट पर 40% या अधिकतम ₹10 लाख का अनुदान दिया जा रहा है।
🌾 जैविक खेती और ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना से नई दिशा
राज्य में कुल 20.55 लाख हेक्टेयर जैविक क्षेत्र पंजीकृत किया गया है।
‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना के अंतर्गत—
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कोदो-कुटकी: अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिंगरौली
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तुअर दाल: नरसिंहपुर
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चना: दमोह
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बासमती चावल: रायसेन
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चिन्नौर चावल: बालाघाट
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सरसों: भिण्ड व मुरैना
जिले चयनित किए गए हैं।
📱 ‘फार्म गेट एप’ से किसान सीधे कर रहे सौदा
‘फार्म गेट एप’ के माध्यम से किसान अपनी उपज का विवरण और फोटो अपलोड कर मंडी में पंजीकृत व्यापारियों से सीधे मोलभाव कर सकते हैं।
इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होती है और किसानों को न्यायसंगत मूल्य मिलना सुनिश्चित हुआ है।
🌾 रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना से बढ़ रहा उत्पादन
इस योजना के तहत किसानों को ₹1000 प्रति क्विंटल, अधिकतम ₹3900 प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जा रही है।
राज्य सरकार ने शून्य ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण के लिए ₹600 करोड़ का प्रावधान किया है।
✅ निष्कर्ष
मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में कृषि को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया है।
फसल बीमा, समर्थन मूल्य, जैविक खेती, ड्रोन तकनीक और किसान केंद्रित योजनाओं के माध्यम से प्रदेश अब कृषि नवाचार और किसान सशक्तिकरण का मॉडल राज्य बनता जा रहा है।