आईएआरआई का संदेश – जलवायु-स्मार्ट खेती ही भविष्य
आईएआरआई में 79वां स्वतंत्रता दिवस उत्साह और गरिमा के साथ मनाया, निदेशक ने जलवायु-स्मार्ट नवाचार एवं किसान-केंद्रित अनुसंधान को दी प्राथमिकता
नई दिल्ली, 15 अगस्त – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईएआरआई) के पूसा परिसर में 79वां स्वतंत्रता दिवस देशभक्ति और गौरव के माहौल में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. सीएच. श्रीनिवास राव ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, अमर शहीदों और उन दूरदर्शी व्यक्तित्वों को नमन किया, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता और विकास में अमूल्य योगदान दिया।
भारत की आर्थिक प्रगति और कृषि की भूमिका पर जोर
अपने संबोधन में डॉ. राव ने कहा कि भारत अब विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। “विकसित भारत” और “आत्मनिर्भर भारत” के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के केंद्र में रखना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को कृषि अनुसंधान और नीतियों के केंद्र में स्थान देना होगा।
जलवायु-स्मार्ट और संसाधन-कुशल तकनीकों की आवश्यकता
डॉ. राव ने आईएआरआई के 120 वर्षों के गौरवशाली योगदान का उल्लेख करते हुए वैज्ञानिकों से जलवायु-स्मार्ट, प्राकृतिक संसाधन-कुशल और किसानों के लिए सरल व व्यवहार्य तकनीकों पर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने मृदा, जल और पर्यावरण संरक्षण को भविष्य की कृषि रणनीतियों का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि हितधारक, राज्य सरकारें और किसान, सभी आईएआरआई से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं।
उन्होंने झारखंड सीड हब पहल के साथ-साथ बिहार, मध्य प्रदेश और कई अन्य राज्यों में किसानों के कल्याण के लिए आईएआरआई के साथ बढ़ते सहयोग को सराहनीय बताया।
संस्थान की उपलब्धियां और भविष्य की योजना
डॉ. राव ने बताया कि पिछले वर्ष संस्थान को ₹160 करोड़ की बाह्य-वित्तपोषित परियोजनाएँ प्राप्त हुईं। आने वाले समय में 500-600 परियोजनाओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने उच्च-प्रभाव वाले शोध-पत्रों के प्रकाशन, आईएआरआई के ऐतिहासिक योगदान का दस्तावेजीकरण और जलवायु परिवर्तन शमन व कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने के लिए ठोस समाधान विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कर्मचारियों और छात्रों के लिए नई पहलें
कर्मचारियों के हित में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए निदेशक ने कहा कि संविदा कर्मचारियों को समय पर वेतन और उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया गया है। छात्रों के लिए नया बालिका छात्रावास और ऋतुराज छात्रावास का निर्माण जल्द शुरू होगा, जबकि शिशिर और अन्य छात्रावासों का नवीनीकरण किया जाएगा।
उन्होंने छात्रों से पूर्ण समर्पण के साथ कृषि अनुसंधान में योगदान देने और वैज्ञानिकों से वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धी शिक्षण गुणवत्ता प्रदान करने का आह्वान किया।
टीम भावना और राष्ट्रीय योगदान
पूसा कृषि विज्ञान मेला, विकसित कृषि संकल्प अभियान और आईएआरआई दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन में प्रदर्शित टीम भावना की सराहना करते हुए डॉ. राव ने कर्मचारियों और छात्रों से समयनिष्ठ, अनुशासित और नवाचारी बने रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि आईएआरआई को राष्ट्रीय विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक मजबूत स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका को और सुदृढ़ करना होगा।
इस अवसर पर पूसा परिसर देशभक्ति के रंग में रंगा दिखाई दिया, जहाँ कर्मचारी, वैज्ञानिक, छात्र और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समारोह में देशभक्ति गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्वतंत्रता दिवस की थीम पर आधारित प्रदर्शनियों ने आयोजन को विशेष बना दिया।