प्रधानमंत्री योजना से हर किसान को मिलेगा हक का पैसा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बड़ी सौगात, 35 लाख किसानों के खातों में 3,900 करोड़ रुपये का सीधा भुगतान
झुंझुनु (राजस्थान) – किसानों के कल्याण को समर्पित ऐतिहासिक पहल के तहत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राजस्थान के झुंझुनु से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 35 लाख किसानों के खातों में 3,900 करोड़ रुपये की बीमा राशि का डिजिटल हस्तांतरण किया।
इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी और राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी मौजूद रहे। देशभर के लाखों किसान वर्चुअल माध्यम से इस समारोह से जुड़े।
किसानों के हित में ऐतिहासिक बदलाव
अपने संबोधन में चौहान ने बताया कि पहले की सरकारों में फसल बीमा की राशि तभी मिलती थी जब पूरी तहसील या ब्लॉक की फसल बर्बाद हो जाती थी। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योजना में ऐसा प्रावधान किया गया कि अगर एक गांव या एक किसान की भी फसल नष्ट होती है, तो उसे बीमा राशि मिलेगी।
किसानों के लिए अब तक की बड़ी उपलब्धियां
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अब तक पौने चार लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में भेजे गए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (2016 से अब तक) के अंतर्गत 2 लाख 12 हजार करोड़ रुपये वितरित।
उर्वरक सब्सिडी में सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाए
यूरिया की 45 किलो की बोरी किसानों को ₹266 में, असली कीमत ₹1,633.24। डीएपी की 50 किलो की बोरी ₹1,350 में, असली कीमत ₹3,100। अब तक 14 लाख 6 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई।
एमएसपी और नई योजनाओं पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार किसानों की लागत पर 50% लाभ जोड़कर एमएसपी तय कर रही है। हाल ही में मूंग की खरीद ₹2,000 प्रति क्विंटल के दाम पर करने का फैसला लिया गया।
पीएम आशा योजना के तहत गेहूं और धान की खरीद में किसानों को अब तक 43 लाख 87 हजार करोड़ रुपये दिए गए।
बाजार हस्तक्षेप योजना (MIP) के जरिए किसानों को दूसरे राज्यों में माल बेचने के लिए परिवहन लागत सरकार उठा रही है।
नकली खाद पर सख्ती
चौहान ने कहा कि नकली खाद और उर्वरक बेचने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की प्रक्रिया तेज है। दोषियों को जेल भेजा जाएगा।
वैज्ञानिकों की टीम गांव-गांव
उन्होंने कहा कि फसलों पर वायरस अटैक की स्थिति में किसानों द्वारा सूचना देने पर वैज्ञानिकों की टीम तुरंत गांव पहुंचेगी। साथ ही, ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत रबी फसलों के लिए वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी देंगे।